अनूठी मिसाल: बाबुल से दहेज में पौधे लेकर विदा हुई दुल्हन, दूल्हे से लिया जिंदगी भर इन पौधों की रक्षा करने का वचन धनुर्मास में भगवान सिद्ध शिव निहाल मंदिर में विगत 15 वर्ष से भगवती महालक्ष्मी की विशिष्ट तपोमई साधना की जाती है। जिसमें श्री महालक्ष्मी के विशिष्ट स्वरूप धनुर्मास स्वरूप का पूजन होता है। पंडित यदुवंशमणि त्रिपाठी के अनुसार प्रभात काल में सूर्योदय के पूर्व शामिल भक्तों के नाम का संकल्प कर सूक्तम महालक्ष्मी सूक्तम, कनकधारा स्तोत्र, अन्नपूर्णा स्तोत्र, कनकधारा मंत्र जाप, ऋण हर्ता महालक्ष्मी, कुबेर मंत्र, जाप और शत्रुओं से रक्षित रखने हेतु बगलामुखी मंत्र जाप पूर्ण कर भोर में ही बनाई गई खीर का भोग लगाकर लगाकर धनुर्मास यज्ञ संपन्न किया जाता है।
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14 जनवरी तक चलेगी साधना
पंडित त्रिपाठी के अनुसार यह प्रक्रिया पूरे 1 माह 14 जनवरी 2021 तक यह साधना चलेगी। भोर में ही इस वर्ष साधना की पूर्णाहुति होगी और खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा। 14 जनवरी के बाद गुरु और शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण शुभ मूहूर्त 20 अप्रैल तक नहीं है। इसके बाद फिर वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हो सकेंगे।