2. हेरम्ब: गुड़ के गणेशजी बनाकर पूजन करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
3. वाक्पति: भोजपत्र पर केसर से गणेश प्रतिमा बनाकर। पूजन करने से विद्या प्राप्ति होती है।
4. उच्चिष्ठ गणेश : लाख के श्रीगणेश बनाकर पूजन करने से स्त्री सुख और स्त्री को पतिसुख प्राप्त होता है। घर में ग्रह क्लेश निवारण होता है।
5. कलहप्रिय: नमक की डली या नमक के श्रीगणेश बनाकर पूजन करने से शत्रुओ में क्षोभ उतपन्न होता है। वह आपस ने ही झगडऩे लगते हैं।
6. गोबर गणेश: गोबर के श्रीगणेश बनाकर पूजन करने से पशुधन में वृद्धि होती है। पशुओं की बीमारिया नष्ट होती है। (गोबर केवल गौ माता का ही हो)
7. श्वेतार्क श्रीगणेश : सफेद आर्क, मदार की जड़ श्रीगणेश बनाकर पूजन करने से भूमि और भवन लाभ मिलता है।
8. शत्रुंजय कडूए : नीम की लकड़ी से गणेश बनाकर पूजन करने से शत्रुनाश होता है। युद्ध में विजय होती है।
9. हरिद्रा गणेश: हल्दी की जड़ से या आटे में हल्दी मिलाकर गणेश प्रतिमा बनाकर पूजन करने से विवाह में आने वाली हर बाधा नष्ट होती है।
10. संतान गणेश: मक्खन के गणेश बनाकर पूजन करने से संतान प्राप्ति के योग निर्मित होती है।
11. धान्य गणेश: सप्तधान्य को पीसकर उनके श्रीगणेश बनाकर आराधना करने से धन की वृद्धि होती है। अन्नपूर्णा मां प्रसन्न होती है।
12. महागणेश: लाल चंदन की लकड़ी से दशभूजा वाले गणेश की प्रतिमा निर्माण कर पूजन करने से राज राजेश्वरी श्री आद्याकालिका की शरणागति प्राप्त होती है।