
पत्थर समान हो गया था फेफड़ा, डॉक्टरों ने घी पिलाकर किया ऑपरेशन
CG Raipur News : डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में एक मरीज ऐसा आया जिसका फेफड़ा पत्थर समान हो गया था। वो जो कुछ खाता, सफेद तरल के रूप में उसके शरीर से बाहर निकल जाता था। मरीज की उम्र महज 29 साल थी। डॉक्टरों ने बड़े ही अनोखे तरीके से उसका इलाज किया। पहले उसे 100 ग्राम घी के साथ 10 एमएल मेथिलीन ब्लू दिया गया। फिर ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई गई। सुनने में ये अटपटा लग सकता है, लेकिन हुआ ऐसा ही है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ के नवागांव में रहने वाला 29 वर्षीय युवक 3 महीने पहले एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया था। इसमें उसके फेफड़े के साथ रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई थी। इस वजह से उसके फेफड़े से दूधिया सफेद तरल निकल रहा था। एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. कृष्णकांत साहू व टीम ने जटिल सर्जरी कर युवक को नई जिंदगी दी।
नली कहां से टूटी है....ऐसे लगाया पता
थोरेसिक डक्ट या पोषण नली, एक नली रूपी संरचना है। इसका काम हमारी आंतों से भोजन के पाचन के बाद जो पोषक तत्व बनता है, उसका अवशोषण कर पोषक तत्वों को रक्त में मिलाना है। इस नली का आकार 2-4 मिमी तक होता है। यह पेट से निकलकर दाईं छाती से होते हुए कंधे के मुख्य नस में जाता है। इसके अंदर बहने वाला द्रव्य सफेद दूधिया रंग का होता है। यह इसोफेगस और महाशिरा के बीच स्थित होता है। इस कारण इसे पहचानना कठिन है। इसे पहचानने के लिए मरीज को वसा युक्त पदार्थ के साथ मेथिलीन ब्लू दिया जाता है। इससे पता चल पाता है कि नली कहां से टूटी है। जहां पर नली टूटी होगी, वहां पर नीले रंग का द्रव्य दिखना शुरू हो जाता है।
तीन महीने में 28 किलो वजन कम
डॉ. साहू ने बताया कि तीन महीने में मरीज का वजन 28 किलो कम हो गया था। वह जो भी खाता था, उसका संपूर्ण पोषक तत्व दूधिया पदार्थ के रूप में शरीर से बाहर निकल जाता था। मरीज अब पूरी तरह स्वस्थ है।
Published on:
29 Jun 2023 10:58 am
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