
घर लौटे जगत के नाथ, माता लक्ष्मी ने मान-मनौव्वल के बाद दिया प्रवेश
Raipur News : जगत के नाथ जगन्नाथ महाप्रभु 9 दिन के बाद मौसी के घर अपने धाम लौट गए हैं। हेरा पंचमी पर भगवान को लेने मां लक्ष्मी उनके घर पहुंची थीं। भगवान नहीं माने। इसके चलते माता उनसे काफी नाराज थीं। बुधवार को घर लौटने पर भी वह नाराजगी सामने आई। भक्तों के काफी मान-मनौव्वल के बाद माता ने उन्हें ठाकुरबाड़ी में प्रवेश दिया। बुधवार को रथ यात्रा के 9 दिन बाद भगवान के अपने घर यानी ठाकुरबाड़ी में लौटने का मौका था। रथयात्रा के दिन से मौसी के घर गुंडिचा मंदिर में थे।
मान्यता- इससे मिलता है मोक्ष
स्वस्थ होने के बाद भगवान की जिस रथ पर यात्रा निकाली गई थी, हेरा पंचमी पर माता लक्ष्मी के नाराज होने की परंपरा का निर्वहन करते हुए भक्तों द्वारा उस रथ के पहिए को तोड़ दिया गया था। इसे ठीक करने के बाद बुधवार को भगवान को उसी रथ पर बिठाकर श्रीमंदिर तक पहुंचाया गया। इस दौरान भगवान के रथ की डोर खींचने भक्तों में काफी होड़ रही। ऐसा माना जाता है कि इस डोर को खींचने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
आरती-पूजा कर खुशहाली की कामना
डब्ल्यूआरएस क्षेत्र में रथयात्रा वापसी की धूम रही। उत्कल महासभा के अध्यक्ष राधेश्याम विभार की अगुवाई में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। उत्कल नेत्री सावित्री जगत ने सैकड़ों महिलाओं के साथ वापसी रथयात्रा धूमधाम से मनाया।
सोने की झाड़ू से छेरा पहरा की रस्म
राजधानी में एक मंदिर ऐसा भी है जहां ओडिशा की तर्ज पर भगवान रथयात्रा महोत्सव मनाया जाता है। गायत्री नगर के जगन्नाथ मंदिर में पुरी की तरह सोने की झाड़ू से छेरा पहरा की रस्म अदा कर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और मां सुभद्रा को रथ पर बिठाया गया। इस दौरान ब्रा्िमण मंत्रोच्चार करते रहे। मंदिर समिति के अध्यक्ष पुरंदर मिश्रा ने बताया कि बाहुड़ा यात्रा कर भगवान अपने श्रीमंदिर के सिंहासन पर फिर से विराजमान हो गए हैं। कार्यक्रम में सरस्वती मिश्रा, रामप्रताप सिंह, पियष मिश्रा, अजय देवता, सौरभ मिश्रा, बेणु चौहान, कमल हरपाल, किशोर नायक आदि मौजूद रहे।
Published on:
29 Jun 2023 11:18 am
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