
आग ही आग
कब: शुक्रवार की दोपहर 12.30 बजे
कहां: सीएसपीडीसीएल के गोदाम में
कैसे: कूड़े से फैली आग
क्या नुकसान: 4000 से ट्रांसफार्मर जले
10000 लोग में 6 घंटे तक मची अफरा.तफरी
08 एकड़ में फैला गोदाम
24.24 हजार लीटर के दो ट्रांसफॉर्मर ऑयल टैंक तक फैली आग
32 केवी से 500 केवी तक के करोड़ों रुपए के ट्रांसफार्मर जले
30 से ज्यादा दमकल गाडिय़ां रात तक बुझाती रही आग
03 किमी का एरिया कराया गया खाली
500 से ज्यादा घरों को कराया खाली
02 किमी का एरिया रहा धुआं-धुआं
20 किमी दूर तक नजर आ आया धुएं का गुबार
कोटा, गुढिय़ारी, रामनगर सहित आसपास के घरों में जमा काला धुंआ
रायपुरए दुर्ग, भिलाई सहित एयरपोर्ट से भी बुलाई गई फायरब्रिगेड गाडिय़ां
रात भर नहीं बुझी आग, बिजली करनी पड़ी बंद
ये अनदेखी पड़ी भारी
शुरुआत में सामान्य आग लगी थी। उसे उसी समय बुझा देते, तो आग नहीं बढ़ती।
12.30 बजे आग लगी, लेकिन 4 बजे तक आग बुझाने के लिए व्यापक प्रयास नहीं किया गया।
फोम की सुविधा सिलतरा के कई प्लांटों में है, फिर वहां से बुलाने के बजाय, भिलाई की फायर ब्रिगेड वालों का इंतजार करते रहे।
रायपुर फायर ब्रिगेड के अलावा आसपास की दूसरे फायर ब्रिगेड वालों को सूचना नहीं दी गई। करीब दो घंटे बाद से सूचना दी गई।
गुढिय़ारी का फायर ब्रिगेड ऑफिस खुल गया होता, तो दमकल गाडिय़ां जल्दी पहुंच जाती। 15 साल से तैयार है, लेकिन अब तक शुरू नहीं हुआ।
रायपुर. छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के गुढिय़ारी स्थित ट्रांसफॉर्मर गोदाम में भीषण आगजनी से आसपास के लोग दहशत में आग गए। आग लगते ही ट्रांसफॉर्मर की ऑयल टंकियां बम की तरह फूटती रहीं। उससे आग की भयंकर लपटें उठीं। इससे रहवासी इलाके में अफरा-तफरी मच गई। कॉलोनियों में रहने वाले सड़क की ओर भागने लगे। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पहुंची। इसके बाद लोगों को घर खाली करने में मदद की। उन्हें सुरक्षित स्थान में ले जाया गया। आगजनी से जन हानि नहीं हुई, लेकिन करोड़ों के ट्रांसफॉर्मर, केबल वॉयर व अन्य सामान जलकर खाक हो गए। इसमें सीएसपीडीसीएल की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है। शुरुआत में मामूली आगजनी मानकर हल्के में लिया। जब आग तेजी से फैलने लगीए तब अधिकारी हरकत में आए और फायर ब्रिगेड वालों को बुलाया गया।
पानी से नहीं फोम से बुझती है ये आग
ऑयल से लगने वाली आग साधारण पानी से नहीं बुझती है। इसके लिए फायर ब्रिगेड वालों को फोम का इस्तेमाल करते हैं। इसी से यह आग बुझती है। बताया जाता है कि फोम रायपुर फायर ब्रिगेड वालों के पास नहीं था। इसलिए भिलाई स्टील प्लांट से फायर ब्रिगेड बुलाया गया था। हालांकि सिलतरा के कई उद्योगों में फोम की पर्याप्त व्यवस्था रहती है।
शहर भर में दिखा गुबार
भीषण आगजनी से निकलने वाले काले धुएं का गुबार शहर में दूर-दूर तक दिखाई दिया। शुरुआत में लोगों को लगा कि यह बादल है, लेकिन जब लगातार एक ही दिशा से धुंआ फैलने लगा, तब आगजनी होने का पता चला। लोगों को दूर कालीबाड़ी, पचपेढ़ीनाका, कुम्हारी तक धुएं का गुबार नजर आया।
लापरवाही से फैली आग
बताया जाता है कि गोदाम के एक किनारे में ही आग लगी थी। उस समय उसे बुझाया जा सकता थाए लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी और कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया। गार्ड आग बुझाने के बजाय अधिकारियों को सूचना देने चला गया। तब तक आग तेजी से कई ट्रांसफार्मरों में फैल गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तो गोदाम के मेनगेट में ताला लगा था। गोदाम के भीतर आग बुझाने के लिए विभाग के कर्मचारी अपने स्तर पर प्रयास करते नजर आए।
3 किमी के एरिया खाली कराया गया
आगजनी का दायरा बढ़ते देखकर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने गोदाम के आसपास का करीब 3 किमी से ज्यादा का एरिया खाली कराया। सबसे पहले सबडिवीजन स्टेशन और कॉलोनियों तक आग पहुंचने से रोकने की व्यवस्था की गई। भारत माता चौक से कोटा रोड के बीच की दुकानों को बंद कराया गया। कोटा की ओर से गुढिय़ारीए गोगांवए स्टेशन जाने वाले मार्ग को डायवर्ट किया गया। करीब एक हजार लोगों के घरों को खाली कराया गया।
घंटों बाधित रही बिजली सप्लाई
आग लगते ही गुढिय़ारी डिवीजन में बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। इससे दिनभर भीषण गर्मी से लोग परेशान होते रहे। शाम 5 बजे आगजनी कम होते ही कुछ इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। घटना स्थल के आस-पास की बिजली देर रात तक बाधित रही।
हर साल की घटना, फिर भी सचेत नहीं विभाग
गोदाम के आसपास रहने वाले नितिनए रामूराम साहू और राजेश सोनी ने बताया की गर्मी के समय में हर साल गार्ड कूड़ा जलाते हैं। इससे आग लग जाती थी। इसके बाद भी विभाग में इसको लेकर कोई तैयारी नहीं है। पहली बार इतनी भीषण आग लगी है। बिजली विभाग की लापरवाही के कारण हजारों लोगों की जान खतरे में आ गई।
सिपाही से लेकर अधिकारी तक रेस्क्यू ऑपरेशन में
आग बुझाने के लिए सिपाही से लेकर अधिकारी तक मौके पर डटे रहे। छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ राज्य पावर कंपनियों के अध्यक्ष, ऊर्जा विभाग व मुख्यमंत्री के सचिव पीण् दयानंदए आईजी अमरेश कुमार मिश्राए रायपुर कलक्टर गौरव कुमार सिंह, एसएसपी संतोष कुमार सिंह, नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा सहित एसडीआरएफ अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद रहे। मौके पर 4 एंबुलेंस, पैरामेडिकल स्टॉफ को तैनात किया गया था। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कलक्टर सिंह चोटिल भी हो गए।
7 बजे कंट्रोल, लेकिन बुझी नहीं
रात 7 बजे आगजनी कंट्रोल हो गया, लेकिन रात भर बुझी नहीं। आगजनी के चलते काफी ऑयल जमीन में फैल गया थाए जिसमें बार-बार आग लग रही थी। इसके अलावा प्लास्टिक के वॉयर और ट्रांसफॉर्मरों के ऑयल में रूक-रूक कर आग लगती रही। आग को फैलने से बचाने के लिए पानी टंकी का चेंबरवॉल तोड़कर पूरे परिसर की जमीन को गीला किया गयाए ताकि आग और न फैल सके।
उच्चस्तरीय जांच की जाएगी
आग लगने के कारणों की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। अब तक नुकसान का आकलन नहीं किया गया है। ऑफिस मेें भी आग लग गई है। रेकार्ड जांचकर ही कुछ कहा जा सकता है। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
पी. दयानंद, सचिव ऊर्जा विभाग
सांस लेना था मुश्किल
भीषण आग के कारण आसपास रहने वालों को बुराहाल था। आग के भयंकर धुंए घरों में घुस रहा था। इससे देर रात तक लोगों को सांस लेने में तकलीफए आंखों में जलन की तकलीफ होने लगी। गर्मी भी अधिक महसूस हो रही थी। साथ ही लोगों को आग फैलते हुए उनके घर तक पहुंचने का डर भी सता रहा था। जो लोग बाहर निकले थेए वे बाहर ही रहे।
तेजी से फैलने की वजह
ट्रांसफार्मरों के एक हिस्से में टैंक बना होता है, उसमें ऑयल भरा रहता है। जैसे ही ट्रांसफार्मर आग की चपेट में आया, उसके ऑयल से आग और तेज हो जाती थी। इसके बाद वह धमाके के साथ फाट जाता था। फाटने के कारण उसका ऑयल आग के साथ आसपास और फैलता था। जहां-जहां ऑयल गिरता था, वहां-वहां आग फैलती जाती थी।
देरी से पहुंची फायरब्रिगेड गाडिय़ां
सूचना के बाद एक घंटे बाद फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां पहुंची। शुरुआत में 6 गाडिय़ां ही पहुंची। इससे आग बुझ नहीं पाई। आग पूरे परिसर में फैल गई और सबस्टेशन की ओर आने लगीए तब अधिकारी हरकत में आए। भिलाई सहित अन्य फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। देर शाम तक 30 से ज्यादा दमकल गाडिय़ां आग बुझाने में लगी रहीं।
तोडऩी पड़ी बाउंड्री
बिजली विभाग की बाउंड्री चारों तरफ बाउंड्री से घिरी है। इसमें 24-24 हजार लीटर वाले ट्रांसफार्मरों के ऑयल के टैंकर भी रखे थे। आग वहां तक पहुंच गई थी। उसे बुझाना जरूरी था, लेकिन वहां तक दमकल गाडिय़ां पहुंचने के लिए जगह नहीं थी। इस कारण पिछले हिस्से सहित तीन जगह बाउंड्री को जेसीबी से तोड़ा गया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की गाडिय़ां अंदर भेजी जा सकी। इसके बाद आग को बुझाना आसान हुआ।
Updated on:
06 Apr 2024 12:33 am
Published on:
06 Apr 2024 12:29 am
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
