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बारिश से उत्पाती हाथियों पर नजर रखने वन कर्मचारियों के छूट रहे पसीने

रिहायशी इलाकों में उत्पाती हाथियों को रोकने के लिए निगरानी कर रहे वन अमले को बारिश में पसीने छूट रहे हैं। जंगल में निगरानी के लिए रखे कैमरे भी हर चार घंटे में अपनी दिशा बदल देते हैं, जिससे गश्ती दल को हाथियों की सटीक लोकेशन नहीं मिल पा रही है। चिपचिपी मिट्टी में गश्ती दल और गजराज वाहन जंगल में नहीं घुस पा रहे हैं। रायपुर-महासमुंद रेंज में तो सैटेलाइट के भरोसे हाथियों पर नजर रखी जा रही है।

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Chhattisgarh news

बारिश से उत्पाती हाथियों पर नजर रखने वन कर्मचारियों के छूट रहे पसीने

रायपुर। रायपुर-महासमुंद रेंज में विचरण कर रहे उत्पाती हाथियों (दंतैल) की निगरानी में लगे वन कर्मचारियों को बारिश होने से पसीना छूट रहा है। वे हाथियों के मूवमेंट पर लगातार नजर नहीं रख पा रहे हंै, इससे विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों को हाथियों के मौजूदगी की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। विभागीय कर्मचारी सैटेलाइट के भरोसे हाथी पर नजर रखी जा रही है। इससे भी चार घंटे बाद सैटेलाइट का कैमरा दिशा बदल देता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक रायपुर-महासमुंद रेंज में वर्तमान मंे 12 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। यह दल रहवासी क्षेत्र में ना घुसे, इसलिए वन अमला इन पर कड़ी निगरानी कर जंगल की ओर खदेडऩे की कोशिश कर करते हैं। लेकिन पिछले दो दिनों से हो रही बारिश की वजह से हाथियों की निगरानी में लगा वन अमला जंगल में गश्त नहीं कर पा रहा, जिस वजह से हाथियों का दल कहां विचरण कर रहा है, इसकी सटीक जानकारी पता नहीं चल पा रही है। वनकर्मी लोकेशन के आधार पर जब तक जंगली हाथी के ठिकाने तक पहुंचते है, तब तक हाथियों का दल वहां से कहीं ओर चला जाता है।

ऐसे पता करते हैं हाथियों की लोकेशन
वन अधिकारी वर्तमान में दो तरीकों से हाथियों की लोकेशन निकाल रहे है। पहला तरीका सैटेलाइट और दूसरा तरीका मैन्युअल है। सेटेलाइट से निगरानी रखने वाले वनकर्मी हाथी के गले में लगे कॉलर आईडी से उसका लोकेशन निकालते है। इस प्रक्रिया में 4 घंटे का गैप होने से सही जानकारी नहीं मिलती। मैन्युअल निगरानी में वनकर्मी फील्ड मंे जाकर हाथियों का पता लगाते है। इस पैटर्न से सही लोकेशन निकलती है, लेकिन वर्तमान में बारिश के असर से यह काम वनकर्मी नहीं कर पा रहे है।

जंगल में गजराज वाहन भी नाकाम
बारिश में वनकर्मियों की गश्ती में लगे वाहन और गजराज वाहन जंगल की मिट्टीनुमा मेड़ों पर चल नहीं पाती। इससे वनकर्मी जंगल में पैदल Óयादा दूर गश्त में नहंी निकलते। इससे जंगल में विचरण कर रहे हाथियों की सही जानकारी वनकर्मियों और अधिकारियों को भी नहीं होती। सैटेलाइट के आधार पर लोकेशन निकलती है, इसमे दो टीम अंदाज से हाथियों के संभावित ठिकानों पर जाकर उनपर नजर रखने की कोशिश करती है।

अभी यहां विचरण कर रहा हाथियों का दल
वन अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में हाथियों का दल महासमुंद रेंज के फसेराडीह, केसलडीह, खिरसली और खंडसा क्षेत्र में विचरण कर रहे है। इन सभी गांवों से हाथियों की दूरी 1.36 किमी से 2.50 किमी है। यह जानकारी अफसरों को सैटेलाइट के माध्यम से मिली है। बारिश रुकने पर इन सभी लोकेशनों पर वनकर्मी पहुंचे, लेकिन हाथियों को अपने कैमरों में कैद नहीं कर पाए।

सीसीएफ केके बिसेन का कहना है कि सैटेलाइट और कर्मचारियों के माध्यम से हाथियों के मूवमेंट की निगरानी करते हैं। बारिश में निगरानी दल के जंगल जाने में दिक्कत होती है, लेकिन बीट कर्मचारियों से कॉर्डिनेट कर हाथियों पर नजर रखते है। सैटेलाइट के सहारे हाथियों पर नजर रखी जा रही है। हाथी प्रभावित इलाकों में वन्य कर्मियों को तैनात किया है।