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National Education Policy: लागू हुआ नियम… अब बीच में पढाई छोड़ने वाले विद्यार्थियों को मिलेंगे सर्टिफिकेट

Chhattisgarh Education: बीच में ही पढाई छोड़ देने वाले विद्यार्थियों का भविष्य खराब ना हो इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में खास प्रावधान है। इसके तहत बीच में पढाई छोड़ देने वाले विद्यार्थियों को भी सर्टिफिकेट और डिप्लोमा दिया जाएगा।

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National Education Policy in CG College: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रावधानों को लागू किया जा रहा है। इन प्रावधानों के तहत स्नातक पाठ्यक्रमों में चार वर्ष की पढ़ाई पूर्ण न कर पाने वाले विद्यार्थियों को बीच में पढ़ाई छोडऩे पर सर्टिफिकेट और डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही एनईपी के अनुरूप अब सैद्धान्तिक पढ़ाई की बजाय प्रायोगिक पढ़ाई पर अधिक ध्यान दिया जाएगा और इसे रोजगारमूलक बनाया जाएगा।

विद्यार्थी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी पढ़ाई कर सकेंगे। पढ़ाई की गुणवत्ता में वृद्धि के लिए नियमित अध्यापकों के अलावा विवि में विजिटिंग प्रोफेसर, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और एडजंट फैकल्टी की नियुक्ति भी की जाएगी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल की अध्यक्षता में आयोजित विद्या परिषद की बैठक में इस संबंध में निर्णय लिए गए।

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सात वर्ष में पूर्ण करनी होगी स्नातक की उपाधि

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तहत संचालित स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम बीएससी (आनर्स) कृषि, बीटेक कृषि अभियांत्रिकी और बीटेक खाद्य प्रौद्योगिकी में इसे लागू किया जाएगा। एनईपी के तहत स्नातक पाठ्यक्रम में विद्यार्थी प्रथम वर्ष वं द्वितीय वर्ष में यदि पाठ्यक्रम स्तर की पढ़ाई छोडऩा चाहे, तो उन्हें इसकी अनुमति होगी और इसके साथ उन्हें 10 सप्ताह का इंटर्नशिप कोर्स करने के साथ प्रथम वर्ष के उपरान्त सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।

यदि वह द्वितीय वर्ष के बाद पाठ्यक्रम की पढ़ाई से बाहर होता है, तो इसी अवधि की इंटर्नशिप करने पर डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा। ऐसे विद्यार्थी इस तरह के सर्टिफिकेट-डिप्लोमा प्राप्त कर स्व-रोजगार या रोजगार का कार्य कर सकते हैं। रोजगार शुरू करने के बाद भी विद्याथीZ आगे की पढ़ाई जारी करना चाहते हैं तो वे पुन: अपने स्नातक पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं, परन्तु यह अवधि उनके प्रवेश लेने के व स्नातक उपाधि पूर्ण करने के सात वर्ष से अधिक नहीं होगी।

यहाँ उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को दर्शाने वाला अद्यतन डेटा चार्ट दिया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल है, जो शैक्षणिक सत्र 2024-25 में नीति को लागू करेगा। हरी पट्टियाँ नीति को लागू करने वाले राज्यों को दर्शाती हैं, जबकि लाल पट्टियाँ इसे लागू नहीं करने वाले राज्यों को दर्शाती हैं।

राष्ट्रीय पोटर्ल में होगा क्रेडिट का रेकार्ड

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विद्यार्थी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष में जितने कोर्सेज को पढ़ेगा, उसके प्रत्येक के क्रेडिट होंगे और उन क्रेडिट्स का ऑनलाइन राष्ट्रीय पोर्टल पर रेकार्ड रखा जाएगा। इससे आगामी वर्षां में विद्यार्थी देश के किसी भी विश्वविद्यालय में लेटरल इन्ट्री के तहत प्रवेश प्राप्त कर अपने पाठ्यक्रम के बचे हुए कोर्सेज व क्रेडिट की उपाधि प्राप्त कर सकेंगे।

दो सप्ताह में कोर्स से संबंध में जानकारी

विद्यार्थी प्रथम वर्ष में प्रवेश लेता है। तो उसे दो सप्ताह में कोर्स के बारे में परिचय दिया जाएगा, जिसमें कोर्स की संख्या, कोर्स के क्रेडिट संबंधी जानकारी वह इस पाठ्यक्रम से बाहर होना चाहता है और सर्टिफिकेट, डिप्लोमा आदि प्राप्त करना चाहता है, इस कोर्स में वापस आना चाहता है इस संबंध में उसे जानकारी प्रदान की जाएगी।

परीक्षाएं पूर्व की तरह ही होंगी

इस पाठ्यक्रम में सैद्धान्तिक पढ़ाई की तुलना में व्यावहारिक, प्रायोगिक विषयों के अध्ययन पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित किया गया है। इस पाठ्यक्रम के तहत ली जाने वाली परीक्षाएं पूर्व की तरह ही आयोजित की जाएंगी। उनमें किसी भी तरह की फेरबदल को समाहित नहीं किया गया है।