scriptNational Pollution Control Day 2022: मॉर्निंग-इवनिंग वॉक करने वालों सावधान… हवा में घुल रहा जहर | National Pollution Control Day: level of Air pollution is increasing | Patrika News
रायपुर

National Pollution Control Day 2022: मॉर्निंग-इवनिंग वॉक करने वालों सावधान… हवा में घुल रहा जहर

National Pollution Control Day 2022: एक ओर घटती हरियाली और दूसरी ओर बढ़ती औद्योगिक इकाइयों व वाहनों के चलते सांसों के लिए शुद्ध हवा की भी कमी होने लगी है। कुछ इलाकों में मॉर्निंग व इवनिंग वॉक पर निकलना भी नुकसानदायक साबित हो रहा है। शंकर नगर और टिकरापारा जैसे इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। इससे स्पष्ट है कि हवा जहरीली गैस और कण की मात्रा बढ़ रही है।

रायपुरDec 02, 2022 / 03:46 pm

CG Desk

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file photo

National Pollution Control Day 2022: @गौरव शर्मा. बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के बीच आज पूरा देश प्रदूषण निवारण दिवस (National Pollution Control Day 2022) मना रहा है। इस मौके पर पत्रिका आपको बता रहा है कि राजधानी रायपुर में सांस लेना कितना सुरक्षित है! यह जानकर आप हैरत में पड़ सकते हैं कि शहर में सांस लेने के लिए शुद्ध हवा की भी कमी होने लगी है। वजह- घटती हरियाली, बढ़ते वाहन और बढ़ती औद्योगिक इकाइयां। इनके चलते घातक पीएम 2.5 का स्तर खतरे के निशान के पार चला गया है।

गौरतलब है कि ठंड के दिनों में लोग मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर निकलते हैं। हमने इन दो वक्त पर शहर की आबोहवा की पड़ताल की तो पता चला कि इन दोनों ही वक्त पर सैर-सपाटा करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। छत्तीसगढ़ हेल्थ रिसोर्स सेंटर के आंकड़ों के अनुसार 1 दिसंबर की सुबह 5 बजे टिकरापारा इलाके में पीएम 2.5 का स्तर 223 के करीब था, जबकि शाम 7 बजे शंकर नगर इलाके में इसका स्तर 212 के करीब था। बता दें कि पीएम 2.5 का स्तर किसी भी स्थिति में रोजाना 60 और सालाना 40 अंक के ऊपर नहीं होना चाहिए।

रायपुर में पीएम 2.5 का स्तर इससे अधिक ही रहता है। ठंड के दिनों में हानिकारक गैसें और भी ज्यादा नीचे रहती है। गर्मी के दिनों में गर्म हवा के साथ हानिकारक व जहरीली गैस भी ऊपर चली जाती है। अब आप सोच सकते हैं कि शहर के दो प्रमुख इलाकों में सुबह और शाम का सैरसपाटा करना हमारी सांसों के लिए कितना महंगा पड़ सकता है।

4 जगह स्टेशन, फिर भी रियल टाइम अपडेट नहीं
रायपुर में प्रदूषण की जांच के लिए क्या इंतजाम हैं, गुरुवार को इसकी पड़ताल की गई। इसमें पता चला कि करोड़ों रुपए खर्च कर चार जगहों पर रियल टाइम मॉनीटरिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है, क्योंकि विभागीय वेबसाइट पर इसकी जानकारी अपडेट नहीं हो रही है। दरअसल, प्रदूषण की जांच करने के लिए सेंट्रल पॉल्यूशल कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के निर्देश पर देशभर में रियल टाइम मॉनीटरिंग स्टेशन बनाए गए हैं। इसी कड़ी में रायपुर में भी चार जगहों पर ये व्यवस्था की गई। नियमत: इसका डाटा सीपीसीबी की वेबसाइट पर तुरंत अपलोड होना चाहिए। इसमें देश के अन्य राज्यों की स्थिति तो पता चल रही है, छत्तीसगढ़ का क्या हाल है! वेबसाइट में इसका अता-पता नहीं।

बता दें कि रायपुर को मिलाकर प्रदेश के चार शहरों में इस तरह के स्टेशन बनाए गए हैं। बिलासपुर को छोड़ दें तो दूसरा कोई भी शहर विभागीय वेबसाइट से लिंक नहीं हुआ है। बिलासपुर में प्रदूषण की जानकारी भी इसलिए मिल पा रही है क्योंकि यहां लगा स्टेशन एनटीपीसी का है। रायपुर, भिलाई और कोरबा में लगे स्टेशन छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल के हैं और इन्हीं का डाटा वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है।

रायपुर का प्रदूषण बताने के लिए नवा रायपुर में डिस्प्ले बोर्ड
पर्यावरण संरक्षण मंडल ने शहर के सभी मॉनीटरिंग स्टेशन का डाटा एकसाथ दिखाने नवा रायपुर में डिस्प्ले बोर्ड लगाया है। सवाल ये है कि रायपुर में कितना पॉल्यूशन है, नवा रायपुर वाले यह जानकर क्या करेंगे? इस बारे में मंडल के अफसरों से बात करने पर उनका कहना था कि जहां-जहां स्टेशन बने हैं, वहां भी डिस्प्ले बोर्ड लगाकर वहां के प्रदूषण की जानकारी दी जा रही है। अब सवाल उठता है कि अगर किसी का घर पुरानी बस्ती में है तो क्या वह रोज शाम भाठागांव बस टर्मिनल जाकर 10 रुपए पार्किंग फीस दे और अपने इलाके में प्रदूषण की स्थिति देखे? इससे बेहतर है कि सभी जगह का डाटा एकसाथ दिखाने के लिए शहर के ही किसी मुख्य चौराहे पर डिस्प्ले बोर्ड लगाया जाए, ताकि दुकान-ऑफिस से घर जाते वक्त लोग इसे देख सकें।

प्रदेश में कितनी जगहों पर मॉनीटरिंग

शहर स्टेशन वेबसाइट पर डाटा

रायपुर 4 नहीं
भिलाई 3 नहीं
बिलासपुर 1 हां
कोरबा 2 नहीं

रियल टाइम मॉनीटरिंग स्टेशन का डाटा सीपीसीबी की वेबसाइट पर क्यों अपलोड नहीं हो रहा है, इसे चेक करवाएंगे। सभी स्टेशन को जल्द से जल्द विभागीय वेबसाइट से लिंक करवाया जाएगा, ताकि लोगों को घर बैठे इसकी जानकारी मिल सके।
अमर सावंत, जनसंपर्क अधिकारी, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल

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