17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Navratri 2021: गाजे- बाजे से विराजेंगी मां, महामाया मंदिर में सिर्फ 4500 आस्था ज्योत

Navratri 2021 : 98 साल पुराने बंगाली कालीबाड़ी दुर्गा पूजा में तीन देवियां एक फ्रेम में देंगी दर्शन.

2 min read
Google source verification
navratri.jpg

Navratri 2021: रायपुर. शारदीय नवरात्र में इस बार भक्तों में उत्साह देखने को मिलेगा। पूजा पंडालों के पास ही सही प्रशासन ने बैंडबाजे की अनुमति दी है। इसलिए मां दुर्गा की प्रतिमाएं गाजे-बाजे के साथ विराजेंगी। वहीं देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति का पंजीयन तेजी से चल रहा है, लेकिन शहर के सबसे प्राचीन महामाया मंदिर में जहां 11000 भक्तों की मनोकामना ज्योति से माता का आंचल जगमग हुआ करता था, वहां सिर्फ 4500 ज्योति जलेगी। क्योंकि नया पंजीयन गाइडलाइन देरी से जारी होने के कारण मंदिर समिति ने बंद रखा।

दुर्गा पूजा उत्सव शुरू होने में अब केवल 4 दिन शेष हैं। 7 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त में घरों से लेकर पूजा पंडालों में स्थापना होगी। देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति अभिजीत मुहूर्त में जगमग होंगी। चार भुजाओं वाली मां दुर्गा की अनेक रूपों में 8 फीट तक मूर्तियां विराजने की तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं। शहर के सबसे पुराना बंगाली कालीबाड़ी पूजा उत्सव समिति की ओर से इस बार एक फ्रेम में तीन देवियों, मां दुर्गा, सरस्वती और मां लक्ष्मी के साथ कार्तिकेय और गणेशजी दर्शन देंगे। मां दुर्गा की मूर्ति महिषासुर मर्दिनी के रूप में तैयार की जा रही है। तीनों माताओं की प्रतिमा 8 फीट ऊंची है, जिसे कोलकाता से आए कारीगर बंगाली कालीबाड़ी में पूजा हाल में गंगा मिट्टी से तैयार कर रहे हैं। इसी अन्य दुर्गा उत्सव समितियां पूजा पंडाल बनाने में जुट गई हैं।

कोलकाता के डपुली वाले आएंगे
बंगाली कालीबाड़ी समिति के सचिव आशीष कांति घोष ने बताया कि इस बार तीन देवियों की मूर्तियां अलग-अलग नहीं बन रही है। एक ही फ्रेम में होंगी। कोलकाता से डपुली वालों को बुलाया गया है, जो परंपरा के अनुसार रोज माता का अभिषेक, आरती में वादन की प्रस्तुति देंगे।

पहले से तैयार मूर्तियां बेचेंगे
गाइड लाइन में 8 फीट की मूर्ति विराजने की अनुमति मिलने पर मूर्तिकारों ने राहत की सांसें ली हैं। पिछले साल दुर्गा उत्सव के समय इतनी ऊंचाई की मूर्तियां बना लिए थे, तब प्रशासन की गाइड लाइन आई थी। निमोरा के मूर्तिकार पीलूराम साहू के अनुसार 20 मूर्ति बनाए थे, जिसका रंग-रंगोन कर 10000 से 20000 रुपए में उत्सव समितियों के लिए बुक कर रहे हैं।