इतनी हत्या
2018 में करीब 70, 2019 में 30 और जनवरी से जून के बीच 16 लोगों की हत्या की गई है। इसमें अधिकांश ग्रामीणों शामिल है। राज्य पुलिस के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नक्सली अक्सर जन अदालत और बैठक लेकर हत्या करते हैं। कई बार घरों से बाहर निकालकर भी वारदात को अंजाम दिया गया है। इनमें मृतक पर मुखबिरी करने का आरोप लगाया गया है।
इसलिए करते हैं हत्या
फाॅर्स के दबाव में पिछले काफी समय से बैकफुट पर चल रहे नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वारदात करते हैं। इस दौरान पुलिस और फ़ोर्स से दूर रहने और जन हितैषी कार्यों का विरोध करते हैं। साथ ही इसकी शिकायत करने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी देते हैं। इसके कारण अक्सर पुलिस थाने तक नहीं पहुंच पाती है।