
रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) ने सहायक प्राध्यापक परीक्षा को लेकर उठे विवाद पर अपना स्पष्टीकरण दिया है। भाजपा की पत्रकारवार्ता के बाद पीएससी ने कहा, लिखित परीक्षा में अनुपस्थित छात्र के साक्षात्कार के लिए चिन्हांकन, 105 प्रश्नों के विलोपन व दुर्ग जिले के एक ही परीक्षा केंद्र के लगभग 88 अभ्यार्थियों के चिन्हांकन संबंधी शिकायतें निराधार है।
आयोग का कहना है, सहायक प्राध्यापक परीक्षा में अनुपस्थित छात्र के चिन्हांकन संबंधी शिकायत की जांच में शिकायत पत्र निराधार पाए जाने पर उसे नस्तीबद्ध किया जा चुका है। इसी तरह 2450 प्रश्नों में से 105 प्रश्नों का विलोपन विभिन्न कारणों से किया गया, जो कि किसी भी आयोग या संस्था की एक सतत् प्रक्रिया है।
आयोग ने बताया, लिखित परीक्षा परिणाम 19 जनवरी 2021 को जारी हुआ। उक्त परीक्षा परिणाम में अभ्यर्थी वीरेन्द्र कुमार पटेल ने सहायक प्राध्यापक हिन्दी साहित्य में अनुपस्थित अनुक्रमांक वाले अभ्यर्थी के चयन की शिकायत की थी। शिकायत पर आयोग ने अभ्यर्थी, संबंधित परीक्षा केन्द्र के केन्द्राध्यक्षों एवं वीक्षकों को समक्ष जांच कराई। जांच में शिकायत के सारे तथ्य गलत पाए गए हैं।
2450 प्रश्न में लगभग 105 प्रश्न विलोपित हुए
पीएससी ने विलपित प्रश्नों को लेकर बताया, सहायक प्राध्यापक परीक्षा 24 विषयों में हुई थी। प्रत्येक विषय में 100 प्रश्न संबंधित विषय व 50 प्रश्न छत्तीसगढ़ का सामान्य ज्ञान से संबंधित थे। इस प्रकार सहायक प्राध्यापक परीक्षा में कुल 2450 प्रश्न थे। इतने प्रश्नों में लगभग 105 प्रश्नों का विलोपन विभिन्न कारणो से किया गया।
इधर, पीएससी के खिलाफ भाजयुमो का प्रदर्शन
इधर, पीएससी पर अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भाजयुमो ने प्रदेश के लगभग सभी जिला मुख्यालयों में जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी में बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर भाजयुमो ने प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की और सांकेतिक रूप से मुख्यमंत्री और पीएससी का पुतला दहन भी किया। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष अमित साहू, राजेश पाण्डेय, अमित मैसेरी, सचिन मेघानी, तुषार चोपड़ा, आर्पित सूर्यवंशी आदि मौजूद थे।
Published on:
05 Feb 2021 12:11 pm
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