क्यों होती है यह बीमारी
अल्जाइमर का खतरा मस्तिष्क में प्रोटीन की संरचना में गड़बड़ी होने के कारण बढ़ता है। ये एक मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है।
अल्जाइमर के लक्षण
रात में नींद न आना
रखी हुई चीजों को जल्दी भूल जाना
आंखों की रोशनी कम होने लगना
छोटे-छोटे कामों को करने में भी परेशानी होना
अपने परिवार के सदस्यों को न पहचान पाना
कुछ भी याद करने, सोचने और निर्णय लेने की क्षमता पर प्रभाव पडऩा
डिप्रेशन में रहना, डर जाना
अल्जाइमर से बचाव के सुझाव
डाक्टरों की मानें तो भूलने की इस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के साथ ही मानसिक रूप से भी खुद को स्वस्थ रखें। नकारात्मक विचारों को अपने मन पर हावी न होने दें। व्यक्ति मन को प्रसन्न रखने के लिए अपने पसंद का संगीत सुनें, गाना गाने, खाना बनाने, बागवानी करने आदि कार्य जिसमें उसका मन लगे कर सकता है। इसके अलावा माइंड मैनेजमेंट, हेल्दी लाइफ स्टाइल और नशे से दूरी जैसे एहतियात बरतकर अल्जाइमर और डिमेंशिया से बच सकते हैं।
नियमित रूप से व्यायाम करें।
पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें।
लोगों से मिलना जुलना चाहिए, जिससे डिप्रेशन न हो।
पर्याप्त नींद लें।
सकारात्मक सोच बनाए रखें।
नशे से दूर रहें।
ब्लड प्रेशर व शुगर नियंत्रित रखें।
शुगर की मात्रा कम रखनी चाहिए।
बहुत ज्यादा नमक नहीं खाना चाहिए।
काफी ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए।
वजन को संतुलित रखना चाहिए।
डाइट में तरह-तरह के फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए जैसे साबुत अनाज, लीन प्रोटीन आदि।