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75 की उम्र के बाद भी जवान हैं ये बूढ़े बांध, छत्तीसगढ़ में ऐसे 13 बांध, मंत्री बोले- खास ध्यान रखेंगे….

Chhattisgarh Dam : उम्र कुछ नहीं एक नंबर है इस बात को देश के या यूं कहें प्रदेश के बांध चरितार्थ कर रहे हैं।

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जयंत कुमार सिंह

Chhattisgarh Dam : उम्र कुछ नहीं एक नंबर है इस बात को देश के या यूं कहें प्रदेश के बांध चरितार्थ कर रहे हैं। आम तौर पर 75 की उम्र के बाद चीजें जहां मुश्किल होने लगती है वहीं प्रदेश या देश के ये बांध जो 75 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं या फिर इससे ज्यादा इनकी उम्र हो गई है आज भी जवान हैं, इनकी उपयोगिता आज भी वैसी ही है जैसे पूर्व में हुआ करती थी। अब मुद्दे पर आते हैं जलशक्ति मंत्रालय के बड़े बांध रजिस्टर 2023 के अनुसार पूरे देश में 327 ऐसे बड़े बांध हैं जिनकी उम्र 75 वर्ष या इससे अधिक हो चुकी है। खास बात या आश्चर्य की बात यह है कि आज भी इन बांधों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। अब प्रदेश के अनुसार बात करें तो छत्तीसगढ़ में ऐसे बांधों की संख्या 13, मध्यप्रदेश में 62 और राजस्थान में 28 है। एक्सपर्ट ये भी कहते हैं कि बांधों की आयु उनके संपूर्ण स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक नहीं होती है।

सबसे ज्यादा एमपी में

पूरे देश में 327 बांध 75 या इससे ज्यादा उम्र वाले हैं। पूरे देश में ऐसे बांधों की सबसे ज्यादा संख्या मध्यप्रदेश में है यहां 62 ऐसे बांध हैं। जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है जहां 47 ऐसे बांधों की संख्या है।

इनकी उम्र जानकार हैरान होंगे आप

हमारे देश में ऐसे भी बांध हैं जिनकी उम्र आपको हैरान कर देगी। आंध्र प्रदेश का कुंभूम बांध 1500 इसवीं में बना है जबकि राजस्थान में देश के सबसे पुराने बांधों की संख्या ज्यादा हैं। इसमें उदयसागर बांध 1565, राजसमंद 1676, बारी 1680, फतेहसागर 1687, जयसमंद बांध 1730 में निर्मित हुआ है।

अनोखा है प्रदेश का मुरुमसिल्ली बांध

प्रदेश के धमतरी स्थित मुरुमसिल्ली बांध अपने आप में अनोखा बांध है। यह एशिया का पहला बांध है जिसमें साइफन और स्पीलवे दोनों है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसके साइफन गहराई के अनुसार चढते क्रम में बनाए गए हैं। यानि एक-दो मीटर तो दूसरा तीन मीटर इस प्रकार से बना है। ऐसा बहुत ही कम होता है कि इसके सारे साइफन एक साथ चालू हों या इनसे पानी एक साथ निकल रहा हो। जिन्होंने ऐसा देखा है वो खुद को खुशकिस्मत मानते हैं।

ये हैं प्रदेश के 75 वर्ष से अधिक के जवान बांध

बांध स्थापना वर्ष

खापरी टैंक 1909

कुरुद टैंक 1909

पेंडरवन टैंक 1907

डेरिटोला टैंक 1910

धनरस टैंक 1911

अमाचुवां टैंक 1917

तंदुला टैंक 1912

मुरुमसिल्ली बांध 1923

कुम्हारी टैंक 1927

मनियारी टैंक 1930

खारंग टैंक 1931

मरोदा टैंक 1909

हडग़हन टैंक 1905

बांधों की उम्र का उनकी सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। बांध हमारे जीवन ही नहीं हमारी सभ्यता के दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होते हैं। आपने आरंभ से देखा है कि मानव सभ्यता का विकास हमेशा नदियों के किनारे ही हुआ है। जहां तक बांधों की मजबूती का प्रश्न है तो यह बात तय है कि वो हमारे द्वारा किए जा रहे रखरखाव पर निर्भर करता है।

ये बात भी खास है कि मिट्टी के बांध हमेशा संकेत देते हैं जिससे आपको पता चल जाता है कि इसमें सुधार या मेंटेनेंस की जरूरत है। कांक्रीट के बांध में ऐसा नहीं होता हालांकि वो भी काफी टिकाऊ होते हैं ऐसे में इनके प्रॉपर रखरखाव से हम इनकी उम्र को मानव सभ्यता के साथ समानांतर चला सकते हैं। हमारे प्रदेश के वो सभी बांध जो 75 की उम्र या इसे पार कर चुके हैं वो सुरक्षित हैं, बेहतर स्थिति में हैं।

- अजय नत्थानी, रिटायर्ड ईई, सिंचाई विभाग