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छत्तीसगढ़ में अब तक सिर्फ 20 फीसदी आबादी को पहला और 3.5 प्रतिशत को लगा दूसरा डोज

छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। आंकड़े बताते हैं कि 2.80 करोड़ की आबादी वाले राज्य में अब तक 55.07 लाख लोगों को पहली डोज लगा पाई है, यानी कुल आबादी का 20 प्रतिशत। जबकि सिर्फ 3.5 प्रतिशत व्यक्तियों ने ही दूसरी डोज लगवाई है। स्पष्ट है कि पहली डोज लगवाने वालों की तुलना में दूसरी डोज लगवाने वालों का प्रतिशत बहुत कम है, जो सरकार की चिंता बढ़ा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि दूसरी डोज लगवाने के लिए लोगों से संपर्क करना होगा।

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छत्तीसगढ़ में अब तक सिर्फ 20 फीसदी आबादी को पहला और 3.5 प्रतिशत को लगा दूसरा डोज

पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम की सीढिय़ों पर टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते लोग।

रायपुर. एम्स के कोविड19 यूनिट हेड डॉ. अतुल जिंदल और आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा का मानना है कि टीके के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना जरूरी है, क्योंकि इस बीमारी से बचाव का यही एकमात्र है। तीसरी लहर में बच्चों को अधिक खतरा बताया जा रहा है, इस खतरे को टीकाकरण ही कम करेगा। गौरतलब है कि हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंट लाइन वॉरियर्स ग्रुप के 63 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं। अगर, यही आंकड़ा 45 से अधिक और 18 से 44 आयुवर्ग के नागरिकों के टीकाकरण का हो जाए तो प्रदेश सुरक्षित हो जाएगा।

तीन कारणों से रफ्तार नहीं पकड़ रहा टीकाकरण-
1. लॉकडाउन- प्रदेश में 6 अप्रैल से लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसे 30 मई तक बढ़ा दिया गया है। लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं।

2. कोविशील्ड- राज्य में अधिकांश व्यक्तियों को कोविशील्ड वैक्सीन ही लगी। अब इस वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने का समय 12 से 16 हफ्ते, यानी 3-4 महीने तक कर दिया गया है। यानी जिन्होंने 16 मार्च को टीका लगवाया, उन्हें दूसरा टीका 16 मई से लगेगा।
3.. डर और अफवाहें- लोगों में टीकाकरण को लेकर अभी भी डर बना हुआ है। खासकर गांवों में। आंकड़ों तो यह भी बताते हैं कि रायपुर जैसे बड़े शहर में अभी तक सिर्फ 56 प्रतिशत लोगों ने ही पहला डोज लगवाया है। (जैसा- राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया)
राज्य में इन वर्गों में हो रहा टीकाकरण-
45 से अधिक आयुवर्ग- कुल आबादी 58.66 लाख- इनके लिए केंद्र सरकार नि:शुल्क टीके मुहैया करवा रही है। राज्य केंद्र पर निर्भर है। 16 मार्च से इनका टीकाकरण शुरू हुआ। राज्य में 3.26 लाख डोज एक दिन में लगे। मगर, जब से 18 से 44 आयुवर्ग को टीका लगाने की घोषणा हुई, 45 प्लस वालों के लिए टीके मिलने की रफ्तार धीमी पड़ी है। राज्य सरकार का कहना है कि पर्याप्त टीके नहीं मिल रहे।
18 से 44 साल आयुवर्ग- कुल आबादी 1.35 करोड़- इस आयुवर्ग के लिए राज्य सरकार को टीके खरीदने हैं। 2 कंपनियों को 75-75 लाख टीके के ऑर्डर दिए गए हैं, मगर आपूर्ति कम हो रही है। राज्य ने इस वर्ग को 4 केटेगरी में बांटा है। एपीएल जो बड़ा वर्ग समूह है, उनके कोटे के टीके लगभग खत्म हो चुके हैं। लोग टीकाकरण केंद्रों से लौट रहे हैं। राज्य ने कंपनियों को पत्र लिखकर जल्द टीके देने कहा है। डॉ. अमर सिंह ठाकुर, राज्य टीकाकरण अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कोविशील्ड अधिक लगी है, केंद्र ने दूसरे डोज का समय बढ़ा दिया है, इसलिए इनके टीकाकरण में समय लगेगा। 18 से अधिक आयुवर्ग के लिए टीके कम है। टीके मिलें तो लगेंगे।


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