ओम प्रकाश चौधरी उस वक्त सुर्खियों में आ गए जब उनके भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लडऩे की खबरें सामने आईं। कलेक्टर चौधरी से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बारे में पेशकश मिली है, लेकिन इस मामले में चौधरी ने काफी विचार करने के बाद शनिवार को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग यानि डीओपीटी नई दिल्ली को अपना इस्तीफा भेजकर नौकरी छोड़ दी। उधर, आईएएस चौधरी के इस्तीफे की खबर से यह साफ हो गया है कि वे विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
दिल्ली रवाना होने से पहले पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, जिन राज्यों में चुनाव हैं, उन राज्यों के संगठन की तैयारियों पर बैठक में अलग से चर्चा होगी। चुनावी रणनीति पर भी रायशुमारी हो सकती है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को होने वाली बैठक दो सत्रों में रखी गई है। पहला सत्र राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लेंगे। दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्बोधन होगा। इसमें राज्यों में केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति को लेकर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि चाहे उज्ज्वला योजना हो या फिर सौभाग्य योजना, छत्तीसगढ़ में हमने केंद्रीय योजनाओं का बखूबी क्रियान्वयन किया है।
लड़ सकते है खरसिया क्षेत्र से चुनाव
रायगढ़ में अघरिया समाज की बहुलता है, सो भाजपा उन्हें यूथ आइकन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहती है। भाजपा का मानना है कि इसी इलाके के होने के कारण चौधरी खरसिया क्षेत्र में खासे लोकप्रिय है, ऐसे में उनकी लोकप्रियता भुनाई जा सकती है। अभी यहां से कांग्रेस के उमेश पटेल विधायक है, जिनकी टक्कर का प्रत्याशी फिलहाल भाजपा के पास नहीं है। इस सीट को हथियाने के लिहाज से भाजपा कलक्टर चौधरी को खरसिया के चुनावी मैदान में भाजपा प्रत्याशी के रुप मे उतारना चाहती है।