
Variant Oral Cancer : प्रदेश में ओरल कैंसर सबसे ज्यादा ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) के वेरिएंट 16 व 18 से फैल रहा है। इसका खुलासा आंबेडकर अस्पताल के कैंसर विभाग में हुए रिसर्च में हुआ है। ये वेरिएंट ओरल कैंसर यानी होंठ, जीभ के पिछले हिस्से, गाल, मुंह के नीचे हिस्से में कैंसर फैलने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार हैं।
एचपीवी के वेरिएंट 31, 33 व 35 से भी फैल रहा है। पूरे प्रदेश में इस तरह की रिसर्च केवल आंबेडकर अस्पताल में हुई है। कैंसर फैलाने वाले स्ट्रेन का पता चलने से मरीजों के इलाज में भी मदद मिली है। डॉक्टरों के अनुसार रेडिएशन यानी सिंकाई से ओरल कैंसर के मरीजों को ठीक करने में मदद मिली है। किसी भी बीमारी में वायरस का स्ट्रेन पता करना बड़ी उपलब्धि है।
100 से मरीजों पर हुआ रिसर्च
कैंसर विभाग में 100 से ज्यादा ओरल कैंसर के मरीजों के एचपीवी के स्ट्रेन की जांच की गई, इसमें आश्चर्यजनक रूप से एचपीवी के स्ट्रेन 16 व 18 मिला। ये करीब 60 से 70 फीसदी मरीजों में मिला। फिर बाकी स्ट्रेन का नंबर आया। प्रदेश में आंबेडकर अस्पताल का कैंसर विभाग रीजनल सेंटर भी है, जहां सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज हो रहा है। स्ट्रेन की रिसर्च डॉ.राहुल सिंह के साथ टीम ने किया।
ओरल कैंसर तंबाकूजनित उत्पादों के सेवन करने से प्रमुख रूप से होता है। डॉक्टरों का कहना है कि ओरल कैंसर की तरह सर्वाइकल कैंसर भी एचपीवी से फैलता है। इसमें भी यही स्ट्रेन से ज्यादा संक्रमण की आशंका है। हालांकि इस पर आने वाले दिनों में रिसर्च करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में महिलाओं में सबसे ज्यादा सर्वाइकल कैंसर के मरीज हैं। पीरियड के दौरान हाइजिन मेंटेन न करना और कम उम्र में शादी व ज्यादा बच्चे होने को प्रमुख कारण माना गया है।
इनकी उम्र 25 से 30 वर्ष
प्रदेश में युवाओं में भी ओरल कैंसर के केस आ रहे हैं। इनकी उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच होती है। डॉक्टरों के अनुसार जीभ के पीछे वाले हिस्से व होंठ के कैंसर के मरीज आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारणों का पता लगाया जा रहा है। ऐसे केस की विशेष रूप से स्टडी भी की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे केस में मरीज को रेडिएशन दिया जा रहा है। रेडिएशन के पहले वायरस की संख्या लाखों में होती है, सिंकाई के बाद इसकी संख्या सैकड़ों में आ जाती है। यानी इस केस में रेडिएशन सबसे ज्यादा प्रभावी इलाज है।
ओरल कैंसर पर जो रिसर्च हुई है, इसमें एचपीवी के 16-18 स्ट्रेन मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। ऐसे केस में रेडिएशन से बीमारी से निजात मिलने में मदद मिली है। ओरल कैंसर के लिए तंबाकूजनित उत्पाद जिम्मेदार है। खासकर युवाओं में आ रहे केस चौंकाने वाले हैं। युवाओं को इससे अलर्ट होने की जरूरत है।
- डॉ. विवेक चौधरी, डायरेक्टर रीजनल कैंसर सेंटर
टॉपिक एक्सपर्ट
प्रदेश में पुरुषों में ओरल व खासकर ग्रामीण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर कॉमन है। युवाओं में ओरल कैंसर के केस अलर्ट करने वाला है। ये अच्छी बात है कि रायपुर में सभी कैंसरों का प्रभावी इलाज मौजूद है। इससे मरीजों को मेट्रो शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ रही है। इससे खर्च व समय भी बच रहा है।
- डॉ. युसूफ मेमन, सीनियर कैंसर सर्जन
Updated on:
01 Mar 2024 08:11 am
Published on:
01 Mar 2024 07:58 am
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