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पुलिस कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी, 50 प्रतिशत बढ़ाकर इन्हें मिलेगा जोखिम भत्ता… 15 साल से नहीं हुआ बदलाव

Police Salary Increase : विधानसभा में गुरुवार को पुलिसकर्मियों को मिलने वाले वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाओं का मुद्दा उठा।

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Police Salary Increase : विधानसभा में गुरुवार को पुलिसकर्मियों को मिलने वाले वेतन, भत्ता और अन्य सुविधाओं का मुद्दा उठा। पुलिसकर्मियों के कम भत्ते को लेकर कांग्रेस विधायक चातुरी नंद ने कई सवाल उठाए। कम भत्ते की बात को डिप्टी सीएम व गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी स्वीकार किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भत्तों के पुनरीक्षण के लिए अंतर विभागीय समिति के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसकी अनुशंसा के आधार पर पुलिसकर्मियों के भत्तों में बढ़ोतरी की जाएगी।

प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक चातुरी नंद के सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम शर्मा ने बताया कि सीएएफ व डीएफ के आरक्षक से एसआई तक को साल में 13 महीने का वेतन दिया जाता है। इसके पीछे मुख्य कारण उनकी व्यस्ततम ड्यूटी, परिश्रम अधिक और कम छुट्टी है। किट के रूप में एक बार 8 हजार रुपए दिया जाता है। बस्तर और राजनांदगांव के 9 थानों को छोड़कर कर्मियों को मूल वेतन में से 15-20 फीसदी भत्ता दिया है।

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नक्सल क्षेत्र में एसटीएफ को 50 फीसदी, नक्सल गुप्तचर को 50 फीसदी, सीएम, राज्यपाल के सुरक्षा बल को 50 फीसदी विशेष जोखिम भत्ता दिया जाता है। इसके अतिरिक्त जिला पुलिस में फिल्ड में पदस्थ आरक्षक व निरीक्षक को 1000-1200 रिस्पांस भत्ता दिया जाता है।

विधायक चातुरी नंद ने कहा, महीने में 15 सौ रुपए राशन भत्ता बढ़ाने की फाइल लंबित है। कुछ जानकारी छिपाई गई है। साइकिल भत्ता की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। जबकि मात्र 18 रुपए भत्ता मिलता है। आज के समय में इसका क्या होगा। पौष्टिक आहार के लिए 100 रुपए महीना मिलता है। आज इतने में एक दिन का खाना बन पाता है। वर्दी धुलाई के लिए 60 रुपए भत्ता मिलता है।

इतने में तो निरमा पावडर नहीं आता। पुलिस कर्मी 24 घंटे ड्यूटी करते हैं। इसके आधार पर उन्हें न तो वेतन मिलता है और ना ही भत्ता। उन्होंने कहा, ग्रेड पे को 1900 से बढ़ाकर 2800 किया जाए।आरक्षक और प्रधान आरक्षण 15 साल से पदस्थ है। उनकी पदोन्नति शुरू की जाए। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा, सदस्य की चिंता जायज है। कुछ भत्ते 2013 और कुछ बीते पांच वर्ष में नहीं बढ़ाए गए।

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सरकार बदली तो कोई देखने वाला नहीं था

विधायक नंद ने पूछा कि वेतन और भत्ता में बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव लंबित है क्या? इस पर डिप्टी सीएम ने कहा, पुलिस विभाग में पोष्टिक आहार भत्ता, नि:शुल्क भोजन की दर में बढ़ोतरी करने, प्रशिक्षण और स्टमार्ट डिवाइस, जैसे अन्य भत्तों के लिए एक अंतर विभागीय कमेटी बना दी गई है। जो पुनरीक्षण करेगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में राशन भत्ता तय हुआ था। इसके बाद 2018 में सरकार बदल गई तो कोई देखने वाला नहीं था। वर्ष 2009 में वर्दी धुलाई भत्ता बढ़ा। इसके बाद कुछ नहीं हुआ। अंतर विभागीय गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की है।

विस अध्यक्ष ने पूछा, रिवाइज करेंगे क्या

इन चर्चाओं के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने डिप्टी सीएम से कहा, 10-10 साल से यदि भत्ता नहीं बढ़ा है, तो क्या रिवाइज करेंगे? इस डिप्टी सीएम ने कहा, भत्ता की वृद्धि की दिशा में हम काफी आगे बढ़ गए हैं।