
बोर्ड परीक्षा के बीच बिजली गुल... गर्मी घुटन सहते मोमबत्ती की रौशनी में पढ़ाई
सुहेला. प्रदेश में 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रहीं हैं। विधानसभा चुनावों में शिक्षकों की ड्यूटी लगने से स्कूलों में वैसे भी इस बार कम पढ़ाई हुई है। ऐसे में बच्चे जी-जान लगाकर दिन-रात पढ़ाई में जुटे हुए हैं। लेकिन, बोर्ड में अच्छा स्कोर करने के रास्ते में पावर कंपनी रोड़ा बनकर खड़ी हो गई है। खासतौर पर सुहेला के मामले में। यहां कभी भी, किसी भी वक्त बिजली काट दी जाती है। बढ़ती गर्मी के बीच बच्चे घुटन सहते हुए लालटेन की रौशनी में पढऩे को मजबूर हैं।
हद तो तब हो गई जब पावर कंपनी ने रविवार को सुबह 10 से 5 बजे तक के लिए बिजली सप्लाई रोक दी। अगले दिन यानी सोमवार को बारहवीं कक्षा की अंग्रेजी की परीक्षा थी। ग्रामीण इलाकों के बच्चों के लिए अंगेजी ऐसे ही कठिन विषय है। ऊपर से बिजली कट। ऐसे में बच्चों को एग्जाम की तैयारी करने में काफी परेशानी हुई। गांव के कई घरों में बच्चे लालटेन जलाकर पढ़ाई करते दिखे। इन दिनों पढ़ाई में मोबाइल बच्चों का बड़ा सहारा है। लेकिन, 7 घटे बिजली न होने से बच्चों को मोबाइल को चार्ज करने का मौका ही नहीं मिला।
नतीजतन मोबाइल की बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद बच्चों को कई सवालों के जवाब ढूंढने में काफी दिक्कत पेश आई। बता दें कि इलाके के लोग लंबे वक्त से पावर सप्लाई कट होने से परेशान हैं। इससे पहले इलाके के बिजली इसलिए गुल रहती थी क्योंकि चोर ट्रांसफार्मर का तेल चुरा ले रहे थे। समय पर मेंटेनेंस न होने से ट्रांसफार्मर लंबे वक्त तक बंद रहता था। लगातार आ रही शिकायतों के बाद बीते कुछ दिनों में ऐसी घटनाएं कम हुई हैं। लेकिन, अब पावर कंपनी मेंटेनेंस की बात कहकर बिजली काट रही है। कुल मिलाकर गांववालों को पावर कट से निजात नहीं मिल पा रही है। लो वोल्टेज भी इलाके में बड़ी समस्या है।
रविवार को बैंक खोलने का फैसला बेमतलब साबित हुआ
लोकसभा चुनावों से पहले सरकार सरकार हर महिला को महतारी वंदन योजना का लाभ दिलाना चाहती है। इसके लिए कई प्रक्रियाएं जरूरी हैं। मसलन आधार सीडिंग और केवायसी। ऐसे में सरकार ने ग्रामीण बैंकों को रविवार को भी खोले रखने के निर्देश दिए थे। सुहेला स्थित ग्रामीण बैंक की शाखा भी खुली थी। लेकिन, लोगों को इसका फायदा नही मिला। वजह, सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बिजली थी ही नहीं। ऐसे में योजना से जुड़ी प्रक्रिया या बैंक से जुड़े काम कराने आए लोग हताश होकर लौटे।
इधर, गरियाबंद जिले में भी 10 घंटे दर्जनों गांवों में सप्लाई ठप
गरियाबंद. लाइन बिछाने और मेंटेनेंस के लिए रविवार को गरियाबंद जिले में भी 15 सब स्टेशनों की पावर सप्लाई काट दी गई। दर्जनों गांवो में सुबह 8 से शाम 6 बजे तक 10 घंटे के लिए बिजली गुल रही। इन गांवों में सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं जो इस बार बारहवीं की परीक्षा दिला रहे हैं। इन सभी को अंग्रेजी परीक्षा से ठीक एक दिन पहले हुए पावर कट की वजह से तैयारी में काफी दिक्कत आई। इसके अलावा इन इलाकों में दस्तावेजों की फोटोकॉपी, सभी तरह के ऑनलाइन काम भी ठप रहे। खासतौर पर किसानों और व्यापारियों को ज्यादा परेशानी ढेलनी पड़ी। गरियाबंद के जिन 15 सब स्टेशनों की बिजली काटी गई थी, उनमें कोसमी-दर्रीपारा, बिंद्रानवागढ़, धवलपुर, मैनपुर, सिकासार, कोचवाय, बारूला, पीपरछेड़ी, गरियाबंद, पारागांव, पंटोरा (कोदोबतर), छुरा, कोसमी-नयापारा, रसेला शामिल हैं।
महतारी वंदन योजना के लिए डीबीटी लिंक करना है। महिलाओं के खातों को एनपीसीआई से लिंक किया जाना है। इन कामों को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए रविवार को भी बैंक खोला गया था। लेकिन, बिजली नहीं होने से कोई काम नहीं हो पाया। कार्यालयीन समय में पावर कट नहीं करना चाहिए।
प्रतीक आनंद, मैनेजर, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक
बिजली बंद की सूचना पहले ही दे दी गई थी। तार खींचने का काम चल रहा है। और भी दूसरे जरूरी काम किए जा रहे हैं। हम भी चाहते हैं कि 24 घंटे बिजली की सप्लाई हो। परीक्षा में पावर कट नहीं कर सकते। रविवार को कोई परीक्षा नहीं थी। बैंक खुलेंगे, इसकी जानकारी नहीं थी। अब गर्मीभर लगातार बिजली सप्लाई होगी।
एनके सोनी, कार्यपालन अधिकारी, बिजली विभाग भाटापारा
Published on:
05 Mar 2024 06:30 pm
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