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coronavirus /strong> से बीमार लोगों के लिए जीवनरक्षक के रूप में जाने जाने वाले [typography_font:14pt;" >रायपुर.Remdesivir इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है। इसमें मेडिकल फिल्ड से जुड़े लोग शामिल हैं। पुलिस और ड्रग विभाग ने भिलाई और रायपुर में छापा मारकर डॉक्टर और फिजियोथैरेपिस्ट सहित चार लोगों को हिरासत में लिया है। आरोपी एक-एक इंजेक्शन को 10 हजार से लेकर 16 हजार रुपए में बेच रहे थे। बाजार में इसका वास्ताविक मूल्य 850 रुपए से लेकर 5400 रुपए है।
पुलिस के मुताबिक रायपुर के रोहणीपुरम निवासी फिजियोथैरेपिस्ट विक्रम सिंह कुछ दिनों से रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेच रहा था। एक इंजेक्शन 16 हजार रुपए में बेचता था। खरीदारों ने इसका वीडियो बना लिया और पुलिस को दिया। वीडियो के आधार पर विक्रम को हिरासत में ले लिया। इस दौरान मेडिकल स्टोर में काम करने वाले सूर्यकांत यादव के बारे में भी पुलिस को भनक लगी। सूर्यकांत 10-10 हजार रुपए में इंजेक्शन बेच रहा था। पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। देर रात को दोनों के खिलाफ आमानाका थाने में प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना पर ड्रग विभाग के अधिकारी खरीदार बनकर पहुंचे। इसके बाद कुलेश्वर पटेल और डॉक्टर पीयूष शुक्ला से रेमडेसिवीर इंजेक्शन के बारे में पूछा। दोनों ने एक इंजेक्शन की कीमत 13 हजार रुपए बताते हुए सौदा किया। इसके बाद ड्रग विभाग ने दोनों को पकड़ लिया। और सुपेला पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
पूछताछ चल रही
रायपुर और भिलाई में पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन कहां से मिला और उनके साथ कौन-कौन मिले हुए हैं। रायपुर में आरोपियों से पूछताछ कर रहे टीआई रमाकांत साहू ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल आरोपियों ने इंजेक्शन के बारे में ज्यादा बताया नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कोरोना वॉयरस से संक्रमित गंभीर मरीजों को यह इंजेक्शन लगाया जा रहा है। पूरे प्रदेश में इसकी डिमांड है। सप्लाई कम होने के कारण इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई है। कई निजी अस्पतालों में धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है। महंगा होने के कारण इसके चलते मरीजों के उपचार का खर्च भी बढ़ रहा है।
बड़ा रैकेट सक्रिय
शासकीय अस्पतालों में रेमडेसिवीर की किल्लत है, लेकिन निजी अस्पतालों में इसका भरपूर स्टॉक है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती कोरोना से पीड़ित मरीजों के परिजनों को बाहर से इंजेक्शन लाने कहा जाता है। लेकिन मेडिकल स्टोर व अन्य स्थानों शार्टेंज बताकर नहीं दिया जाता है, जबकि निजी अस्पतालों में यह आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इसके अलावा जरूरतमंदों को मेडिकल फिल्ड से जुड़े कुछ लोग ब्लैक में कई गुना अधिक रेट में इंजेक्शन बेच रहे हैं।
टीआई रमाकांत साहू ने कहा, रेमडेसिवीर इंजेक्शन का सौदा करते हुए पुलिस ने दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। दोनों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल उनके पास से इंजेक्शन बरामद नहीं हुआ है।
Published on:
17 Apr 2021 03:12 pm
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