
जानलेवा हैं ये मच्छर, तलाशने 3000 घरों में दी दस्तक, यहां कूलर में मिले निशान
रायपुर. छत्तीसगढ के भिलाई शहर में डेंगू से 10 लोगों की मौत के बाद रायपुर में प्रशासन अलर्ट हो गया है। डेंगू से नियंत्रण एवं बचाव के लिए जिला मलेरिया नियंत्रण टीम, महामारी नियंत्रण टीम एवं नगर निगम की टीम संयुक्त रूप से अभियान की शुरुआत की है।
टीम अभियान के तहत रायपुर के अलग-अलग घरों में जाकर डेंगू के संभावित लक्षणों वाले मरीजों की खोज एवं डेंगू के लार्वा की उपस्थिति की जांच करेगी। जांच टीम ने शनिवार को लगभग 3000 घरों का भ्रमण किया। इस दौरान टीम ने डेंगू के संभावित लक्षणों वाले मरीजों की खोज एवं डेंगू के लार्वा की उपस्थिति की जांच की।
जांच टीम ने बताया कि जांच के दौरान कही-कही कूलर में लार्वा पाए गए हैं। जांच के दौरान टीम ने मितानिनों के सहयोग से आम लोगों एवं स्कूलों में जाकर डेंगू से रोकथाम व बचाव को लेकर जानकारी दी और पम्पलेट बांटे। जांच टीम ने डेंगू से बचाव के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव भी किया।
इससे पहले शुक्रवार को डेंगू की देहशत से कलक्ट्रेट के अधिकांश कर्मचारी लंच के बाद गायब रहे। पत्रिका ने कार्यालय के अधिकाश विभागों की जांच की तो पाया कि अधिकारियों के अलावा कर्मचारी कार्यालय के बाहर ही खौफजदा नजर आए। यदि प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं लेता पर कर्मचारी संघ सोमवार से पूर्णत: काम ठप करने की योजना बना रहा है।
छत्तीसगढ़ में डेंगू ने सबसे पहले भिलाई में कहर बरपाया। भिलाई में डेंगू से 10 दिन के भीतर 8 बच्चों समेत 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि शहर में अब तक डेंगू के 1000 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। साढ़े तीन सौ से अधिक पीडि़तों का अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है। सरकारी की जगह निजी हॉस्पिटलों में डेंगू मरीजों की खासी भीड़ है।
स्वास्थ्य विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाया है, पर डेंगू पर काबू नहीं पाया सका है। सबसे अधिक प्रभावित खुर्सीपार व छावनी क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग दवा वितरण कर रहा है। दुर्ग कलक्टर उमेश अग्रवाल ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। जांच शिविरों का निरीक्षण किया।
Updated on:
11 Aug 2018 02:58 pm
Published on:
11 Aug 2018 02:52 pm
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