
आतंकवादियों के लिए सरहद पार हवाला का पैसा पहुंचाने वालों में छत्तीसगढ़ के युवक का नाम शामिल, ऐसे हुआ खुलासा
रायपुर . आतंकवादी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान से हवाला के जरिए रुपए लेने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (इडी) रायपुर शाखा ने इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) और सिमी से जुड़े 8 लोगों के खिलाफ राजधानी के स्पेशल पीएमएलए (अर्थशोधन निवारण अधिनियम) कोर्ट में 600 पेज की चार्जशीट दाखिल की है।
इसमें रायपुर के टाटीबंध निवासी धीरज साव, मंगलोर (कर्नाटक) के जुबैर हुसैन, उनकी पत्नी आयशा, पाकिस्तान का मो. खालिद शामिल और अन्य शामिल हैं। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) और छत्तीसगढ़ पुलिस ने इन लोगों को दोषी करार दिया था। इसके साथ ही दिल्ली और बिहार के बाकी अन्य 4 आरोपी शामिल हैं, जो कि इंडियन मुजाहिद्दीन और सिटी नेटवर्क से जुड़े हुए थे।
टाटीबंध इलाके में चिकन ठेला चलाने वाले धीरज साहू के खिलाफ इडी ने पुख्ता सबूत इकठ्ठा किए हैं। आइएम और सिमी के नेटवर्क में उनके परिवार की भी भागीदारी बताई जा रही है। इससे पहले एनआइए ने जुबैर और उनकी पत्नी आयशा से पूछताछ करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की थी, जिसके मुताबिक वर्ष 2012-2013 में आयशा के अलग-अलग 50 बैंक खाते में पाकिस्तान से हवाला के जरिए 2 करोड़ रुपए डाले गए थे।
इस मामले में जितने लोगों के नाम सामने आए हैं, उनमें से अधिकतर लोगों की प्रापर्टी इडी सीज कर दी है। इडी ने जुबैर हुसैन की सम्पत्ति को भी अपने कब्जे में ले लिया है।
2014 में रायपुर से आइएम और सिटी नेटवर्क के खुलासे के बाद इडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत इनके खिलाफ जांच-पड़ताल शुरू की। इडी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान से हवाला के जरिए रकम लेने और बैंक खातों से रुपए ट्रांसफर करने के मामले में जुबैर ने अपनी पत्नी को मास्टरमाइंड बनाया। नेट बैंकिंग के जरिए अलग-अलग राज्यों में रुपए ट्रांसफर किया गया।
आतंकवादियों के लिए सरहद पार हवाला का पैसा
इंडियन मुजाहिद्दीन और सिमी से जुड़े हैं आतंकी
पटना और बोधगया विस्फोट के मामले में जुबैर और उनकी पत्नी आयशा ने विस्फोट के मास्टरमाइंड तहसील अख्तर और अलियाज मोनू को रुपए पहुंचाए थे। यह खुलासा बिहार पुलिस की पूछताछ में हुआ था।
भूमिका नहीं है।
Published on:
01 Jul 2018 09:24 am
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