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नदियां हमारी संस्कृति में शामिल : रविंद्र चौबे

नदी आरती और दीपदान से उत्सव बना खास

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नदियां हमारी संस्कृति में शामिल : रविंद्र चौबे

नदियां हमारी संस्कृति में शामिल : रविंद्र चौबे

राजिम। 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले आजादी का अमृत महोत्सव के तहत त्रिवेणी संगम तट पर ‘नदी उत्सव’ का आयोजन 21 दिसम्बर से 24 दिसम्बर तक किया जा रहा है। मंगलवार को पहले दिन शुभारंभ अवसर पर जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे, अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू, राजिम विधायक अमितेश शुक्ल शामिल हुए। इस अवसर पर मंत्रोच्चार के साथ महानदी की आरती, दीप प्रज्वलित और दीपदान किया गया।
कृषि व जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नदियों को माता के रूप में पूजते हैं। हमारी संस्कृति में नदियों का विशेष महत्व है। आज हम नदी के सरंक्षण के लिए नरवा विकास योजना तैयार किए हैं। इससे नदियों में एनीकट बनाए जा रहे हैं, ताकि सिंचाई क्षमता में वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर किसानों की धान खरीदी कर रहे हैं। हम किसानों को किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9 हजार रुपए उनके खाते में दे रहे हैं, जो किसी राज्य में नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि नदियों में जल बारहमासी बहता रहे। राज्य में पानी की कमी नहीं है। इसका उपयोग घर और खेत दोनों में हो। जल को संरक्षित, सुरक्षित किया जाए। पानी का उपयोग कैसे हो, इस दिशा में हम कार्य कर रहे हैं। नदियों को बचाने विभाग को ध्यान देने की जरूरत है कि रेत का उत्खनन बंद हो। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम राजिम राज्य का सबसे पावन धरती है। इसे पावन ही रहना चाहिए। जिला प्रशासन और विभाग के अधिकारी बैठकर योजना बनाए कि महानदी में साल भर जल कैसे संरक्षित रहे।
राजिम विधायक अमितेश शुक्ल ने कहा कि राजिम का पौराणिक और धार्मिक महत्व है। आज नदियों का संरक्षण और सफाई जरूरी है। नदियों से बेतरतीब रेत निकाला जा रहा है, जिसे रोकने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मंत्री रविंद्र चौबे ने कई बैराज बनाकर इस अंचल में सिंचाई का पुख्ता इंतजाम किया है। अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि नदी को प्राकृतिक रूप से विकसित करने की जरूरत है। आज सिंचाई की क्षमता में आशातीत वृद्धि हुई है। उन्होंने महानदी में जमा हुए सील्क की सफाई की आवश्यकता पर जोर दिया।
शुभारंभ दिवस पर नदी में दीप प्रज्जवलन व आरती कार्यक्रम, जल संबंधी प्रर्दशनी का आयोजन किया गया । दूसरे दिन स्कूलों में जल की महत्ता पर निबंध प्रतियोगिता, प्रभात फेरी, ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण एवं जल स्वच्छता पर चर्चा, क्षेत्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जीवन परिचय, श्रमदान कर घाट स्वच्छता कार्यक्रम, पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए पौधरोपण आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में जल की महत्ता, संरक्षण एवं स्वच्छता पर कला जत्थाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से जागरु कता किया गया। साथ ही निबंध प्रतियोगिता में प्रतियोगियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।