
आरडीए को तीन महीने में सुलझाना था स्वागत विहार का पेंच, बीत गया साल
रायपुर. राजधानी के चर्चित स्वागत विहार में प्लाट खरीदने वाले हजारों लोग परेशान हैं। उनकी समस्याओं के निराकरण की प्रक्रिया काफी धीमी गति से चल रही है। जबकि तीन महीने में आरडीए को पूरे प्रकरण की छानबीन करके शासन के समक्ष प्रस्तुत करना था, उसे एक साल बीत गया। इसी काम के लिए आरडीए को नोडल एजेंसी तय किया गया था।
स्वागत विहार के बिल्डर ने डूंडा के पास कमल विहार से लगे 220 एकड़ क्षेत्र में 3 हजार से ज्यादा लोगों को प्लांट और मकान बेचा था। लेकिन आज तक लोगों को कब्जा नहीं मिला। क्योंकि 15 वर्षों से मामला उलझा हुआ है। स्वागत विहार में प्लांट खरीदने वालों में से इस दौरान कई लोगों का निधन हो गया, अब उनके परिजन परेशान हैं। कई लोग मजबूर होकर कमर्शियल रेट्स पर बैंकों का लोन पटा रहे हैं, लेकिन न तो उन्हें भूखंडों पर कब्जा मिल पाया न ही मकान बना पाए।
निराकरण की समय-सीमा तय की जाए
भू एवं भवन स्वामी विकास संघ के सचिव गगन सोनी सहित अन्य पदाधिकारियों ने रविवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि लंबी कानून लड़ाई में पीडि़तों को न्याय मिला था, जिसका पालन अभी तक नहीं हुआ। उच्च न्यायलय द्वारा पारित आदेश 17.01.2020 के परिपेक्ष्य में शेष भूखण्ड धारियों के प्रकरण के निराकरण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ09-21/2020/01/05 दिनांक 31.07.2020 द्वारा अन्तर्विभागीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। इसके बाद आवास एवं पर्यावरण विभाग नवा रायपुर से 17 मई 2022 को आदेश जारी कर 3 महीने के भीतर नोडल एजेंसी आरडीए के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अधिकृत किया गया। लेकिन अभी तक निराकरण का प्रस्ताव शासन को नहीं सौंपा। इस मुद्दे के निराकरण की समयसीमा तय की जाए तथा मंत्रालय की टाइम लाइन मीटिंंग में शामिल किया जाए।
Published on:
06 Jun 2023 07:28 pm
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