
Republic Day 2025: देश 26 जनवरी 2025 को अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 1949 में 26 नवंबर को भारतीय संविधान सभा द्वारा लिखित संविधान को अपनाने के बाद इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया था। किसी भी देश को चलाने के लिए संविधान होना जरूरी है।
हमारे देश की शासन व्यवस्था भी इसी संविधान से चलती है, लेकिन क्या आपको पता है दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जिनके पास अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। ये देश अपनी शासन व्यवस्था को चलाने के लिए अलग- अलग नियमों का सहारा लेते हैं। एडवोकेट जन्मेजय सोना गणतंत्र दिवस पर दे रहे हैं खास जानकारी।
सऊदी अरब: सऊदी अरब यूं तो अपने अजीबो-गरीब कानूनों पर चलता है, लेकिन क्या आपको पता है, सउदी अरब के पास अपना कोई लिखित संविधान नहीं है। लेकिन साल 1992 में शाही फरमान के जरिए मूल कानून अपनाया गया था। इस देश में कानून-व्यवस्था कुरान के आधार पर चलती है।
इजराइल: देश के स्वतंत्र होने के बाद यहां संविधान बनाने की कवायद शुरू की गई थी, लेकिन संसद में आपसी मतभेदों के चलते यह नहीं बनाया जा सका। इस देश में लिखित संविधान नहीं है, लेकिन इसके 11 बुनियादी कानून हैं। इजरायल में कानून का शासन, कानून के समक्ष समानता व निष्पक्ष सरकार जैसे बुनियादी सिद्धांत प्रशासनिक कानून में विकसित हुए हैं।
इंग्लैंड: भारत पर 200 साल राज करने वाले अंग्रेजों के देश इंग्लैंड का भी कोई लिखित संविधान नहीं है। यहां कई लिखित और अलिखित नियम-कानून हैं जिन्हें अंग्रेज़ी और स्कॉटिश कानूनों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संधियों और समझौतों के आधार पर बनाया गया है।
न्यूजीलैंड: न्यूजीलैंड का भी कोई लिखित संविधान नहीं है। इसलिए इसे अलिखित संविधान कहा जाता है। हालांकि, इस देश का संविधान लिखित और अलिखित स्रोतों का एक मिश्रण है। न्यूजीलैंड के संविधान में संविधान अधिनियम 1986 एक अहम भूमिका निभाता है। अन्य कानून, परिषद के आदेश, पेटेंट पत्र, अदालतों के फ़ैसले, वेटांगी की संधि के सिद्धांत व अलिखित परंपराएं भी न्यूजीलैंड के संविधान का हिस्सा हैं।
Updated on:
26 Jan 2025 09:45 am
Published on:
26 Jan 2025 09:42 am
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