
आज से खुले स्कूल, कई जगह बंद ताले देख वापस लौटे बच्चे तो कहीं 2 स्टूडेंट्स के साथ ही लगी क्लास
रायपुर. आज से सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है, लेकिन कई स्कूलों में आज ताला ही लटका रहा। जिससे बच्चों को वापस लौटना पड़ा। इसके अलावा कुछ स्कूलों में केवल 2 ही बच्चे पहुंचे। साथ ही इस वर्ष भी जिले के स्कूलों के हालात जस के तस बने हुए हैं। स्थिति यह है कि स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय समेत तमाम मूलभूत सुविधाओं की दरकार है, जिसे दुरुस्त कराने के लिए जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग व प्राधिकरण जिम्मेदारी से बचते हुए एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं।
नए सत्र के पहले कुछ स्कूलों में शौचालय निर्माण और छोटी-मोटे मरम्मत का काम हुआ है, लेकिन पुरानी स्थिति के लिहाज से ये नाकाफी है। शिक्षा विभाग का दावा है कि जिले का कोई भी स्कूल शौचालय और पेयजलविहीन नहीं हैं, लेकिन हकीकत कुछ और है। कई स्कूलों में पानी की टंकियां नहीं है। नलों की स्थिति भी शत-प्रतिशत सही नहीं है। इसके अलावा शौचालय भी टूट-फूट गए हैं।
राजधानी के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कांपा पंडरीतराई स्कूल में लगभग 600 बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल में न तो स्वच्छ शौचालय है न खेलने के लिए सुविधायुक्त मैदान। एेसे में आज से नए सत्र की पढ़ाई स्कूल में प्रारंभ होने जा रही है। प्राचार्य की माने तो दो साल से स्कूल की समस्या को लेकर विभाग और कलेक्टर को आवेदन दिया गया, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
रायपुर के बद्रीप्रसाद पुजारी नगर पालिक निगम राजातालाब स्कूल में किसी तरह की कोई तैयारी नहीं की गई है। कक्षा के रोशनदान टूटे-फूटे और शौचालय का गेट भी टूटा हुआ पाया या। मैदान में बच्चों के खेलने के नाम पर वॉलीबाल के दो पोल लगे हैं, जो टूटी स्थिति में हैं। क्लास रूम की सफाई के लिए सफाईकर्मी तक नजर नहीं आया।
अंग्रेजी माध्यम के लिए न शिक्षक मिले न किताबें
प्रदेश में शिक्षा स्तर में बदलाव लाने शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में पहली और छटवीं कक्षा में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देने की तैयारी पूरी होने का दावा कर रही है। जबकि विभाग के पास न तो प्रर्याप्त शिक्षक है न स्कूलों में एनसीइआरटी की पुस्तकें पहुंची है। एेसे में विभाग के दावे खोखले नजर आ रहे है। आज से प्रदेश के चयनित १५३ स्कूलों में प्राथमिक और मिडिल स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया की तैयारी पूरी हो गई है, तो वही इन सरकारी स्कूलों में दो शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। इन स्कूलों में सीबीएसइ पाठ्यक्रम से पहली और छटवीं कक्षा के बच्चों को शिक्षा दी जानी है। जिसके लिए 30 जून तक प्रदेश के सभी स्कूलों में पुस्तक उपलब्ध करा दी जाएगी। शिक्षा अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के अंगे्रजी प्राथमिक स्कूल में दो शिक्षक और एक प्राचार्य होना था तो वही मिडिल स्कूल में तीन शिक्षक और एक प्राचार्य की नियुक्ति होनी थी।
रायपुर के जिला शिक्षा अधिकारी अशोक नारायण बंजारा ने बताया कि अभी तक एेसी शिकायत किसी स्कूल की नहीं आई है। जिन स्कूलों में शौचालय, मैदान या अन्य तरह की समस्या है वहां जल्द सुधार किया जाएगा।
Published on:
18 Jun 2018 01:06 pm
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