
एमबीबीएस ( File Photo patrika )
Admission in Medical college: प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 91 फीसदी एडमिशन हुआ है, हालांकि डेंटल कॉलेजों में यह प्रतिशत कम है, यहां महज 63 फीसदी विद्यार्थियों ने ही एडमिशन लिया है। शनिवार को काउंसलिंग का पहला राउंड पूरा होने के बाद प्रवेश लेने वालों की स्थिति सामने आई है। दूसरे राउंड की काउंसलिंग 27 अगस्त से शुरू होगी। 13 सितंबर तक एडमिशन की प्रक्रिया चलेगी।
एमबीबीएस के लिए 1534 सीटों का आवंटन किया गया था। इनमें 1396 छात्रों ने प्रवेश लिया है। जबकि बीडीएस के लिए आंवटित 454 सीटों में 284 छात्रों ने एडमिशन लिया है। राजधानी स्थित नेहरू मेडिकल कॉलेज में 163 सीटों पर प्रवेश हो चुका है। यहां स्टेट कोटे की 189 में 186 सीटों पर आवंटन किया गया था। कम एडमिशन होने का मतलब ये है कि टॉप 20 में कई छात्रों ने एडमिशन नहीं लिया होगा। ऐसा ट्रेंड कई सालों से है। टॉप 10 में महज 3 से 4 छात्र प्रवेश लेते हैं। बाकी एस समेत दूसरे प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश ले लेते हैं।
प्रदेश के 14 मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1980 सीटें हैं। इनमें स्टेट काउंसलिंग से स्टेट, मैनेजमेंट व एनआरआई कोटे की सीटें भरी जाएंगी। तीनों कोटे के लिए 1733 सीटें हैं। 15 फीसदी ऑल इंडिया कोटे की सीटें हैं, जिसकी काउंसलिंग दिल्ली से चल रही है। वहीं, 3 फीसदी सीटें सेंट्रल पूल की होती हैं। इसमें केंद्र सरकार नार्थ-ईस्ट या आतंकवादी घटना में मारे गए लोगों के बच्चों को प्रवेश देती है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 14 मेडिकल व 6 डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए 14 अगस्त को आवंटन सूची जारी की थी। इसमें 1988 छात्रों के नाम थे। छात्रों को 18 से 23 अगस्त तक एडमिशन का मौका दिया गया। पहले ही राउंड में सरकारी अस्पतालों की 92 फीसदी से ज्यादा सीटें भर चुकी हैं। जबकि निजी कॉलेजों में 25 से 30 फीसदी सीटों पर छात्रों ने प्रवेश लिया है। पहले राउंड में निजी कॉलेजों में एडमिशन लेना अनिवार्य नहीं है। दस्तावेज सत्यापन करवाना अनिवार्य है। ये छात्र दूसरे राउंड में अच्छे कॉलेज मिलने पर प्रवेश लेंगे। इसलिए एमबीबीएस में सभी आवंटित सीटों पर एडमिशन नहीं हुआ है। यही स्थिति बीडीएस के लिए है।
Updated on:
24 Aug 2025 01:23 pm
Published on:
24 Aug 2025 01:21 pm
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