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सरकार के खिलाफ षडयंत्र के आरोप में IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

एसीबी के पूर्व चीफ और निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गुरुवार देर रात निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है।

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सरकार के खिलाफ षडयंत्र के आरोप में IPS जीपी सिंह पर राजद्रोह का केस दर्ज, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

रायपुर. एसीबी के पूर्व चीफ और निलंबित आईपीएस जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। गुरुवार देर रात निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज कर लिया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) की लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं सूत्रों के अनुसार अब जल्द ही पूर्व आईपीएस जीपी सिंह की गिरफ्तारी हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, एंटी करप्शन ब्यूरो के छापे के दौरान एडीजी के सरकारी बंगले और उनके करीबियों के यहां से कुछ डोजियर, टूलकिट दस्तावेज और पेन ड्राइव मिले थे। जिसकी जांच में पुलिस ने सरकार के खिलाफ षड्यंत्र मानते हुए कोतवाली पुलिस ने जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया है।

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इससे पहले राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और एंटीकरप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम निलंबित एडीजी जीपी सिंह और उनके परिजनों के बैंक खातों, बीमा और विभिन्न निवेश की जांच करने में जुटी हुई है। इसके लिए सभी बैंकों और बीमा कंपनियों को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। साथ ही निवेश की जानकारी जुटाने सीए और आयकर विभाग से ब्यौरा मांगा गया है।

जल्दी ही इसकी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसके मिलने के बाद निलंबित एडीजी के घर से बरामद दस्तावेजों से मिलान किया जाएगा। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी में मिली चल-अचल संपत्तियों के कही अधिक बेनामी संपत्तियों को छिपाकर रखा गया है। इसकी तलाश गोपनीय रूप से टीम को भेजकर कराई जा रही है। इसके मिलने पर बहुत से गोपनीय राज उजागर हो सकते है।

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टैक्स रिटर्न पर नजर
निलंबित एडीजी और उनके परिजनों के आय की जांच करने के लिए आयकर विभाग से टैक्स रिटर्न की रिपोर्ट मांगी गई है। इसकी जानकारी मिलने पर टैक्स चोरी करने के साथ ही अन्य साधनों से होने वाली आय का सुराग मिलेगा। साथ ही अचल संपत्तियों का ब्यौरा भी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
जमीन और रियल स्टेट में निवेश

बताया जाता है कि ईओडब्ल्यू को कुछ खुफिया लोगों के इनपुट मिले है। इसमें कृषि भूमि खरीदने और रियल स्टेट के बिजनेस में रकम लगाने की जानकारी मिली है। कुछ नए प्रोजेक्ट में कई लोगों की हिस्सेदारी की बात भी सामने आई है। इसकी वास्तविकता की जांच करने के लिए टीम अपने स्तर पर जानकारी एकत्रित करने में लगी हुई है।

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शेल कंपनी के जरिए मनीलाड्रिंग
कागजों में बनाई गई शेल कंपनियों के माध्यम से मनीलाड्रिंग करने की जानकारी मिली है। करीब 50 शेल कंपनियों का गठन करने के इनपुट मिले है। विभागीय टीम इसकी जांच करने के साथ ही रकम का ब्यौरा भी एकत्रित कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि कोलकाता और ओडिशा में शेल कंपनियों का संचालन करना दिखाया गया है।

सर्च वारंट होगा जमा
विशेष न्यायालय से सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू द्वारा 17 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। सभी ठिकानों पर तलाशी का काम पूरा करने के बाद टीम लौट गई है। इस दौरान चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज, नगदी रकम, कम्प्यूटर और अन्य सामान जब्त किया गया था। लेकिन, इसकी सूची अब कोर्ट को नहीं सौंपी गई है। बताया जाता है कि अभी भी टीम के कुछ सदस्य गोपनीय रूप से कोलकाता,कटक और क्योंझर गए हुए है। उनके लौटने के बाद जब्त किए गए दस्तावेजों को जमा किया जाएगा।