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अवैध प्लॉटिंग के साइड इफेक्ट, भूमाफिया ने रास्ते के साथ ही सरकारी जमीन भी बेची

Raipur News : राजधानी में सस्ती जमीन के लालच में लोग अवैध प्लॉटिंग के जाल में फंस रहे हैं।

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अवैध प्लॉटिंग के साइड इफेक्ट, भूमाफिया ने रास्ते के साथ ही सरकारी जमीन भी बेची

अवैध प्लॉटिंग के साइड इफेक्ट, भूमाफिया ने रास्ते के साथ ही सरकारी जमीन भी बेची

Raipur News : राजधानी में सस्ती जमीन के लालच में लोग अवैध प्लॉटिंग के जाल में फंस रहे हैं। बीते चार साल से चल रही अवैध प्लॉटिग के अब साइड इफेक्ट दिखाई देने लगा है। सस्ती जमीन की चाहत रखने वालों की जीवन भर की पूंजी भूमाफिया ठग रहे हैं। (cg raipur news) कलेक्टर के पास दर्जनों ऐसी शिकायतें आईं हैं। अब लोग भू-माफियाओं के पीछे घूम रहे हैं।

बता दें कि कलेक्टर ने 1000 से ज्यादा जगहों में हो रही अवैध प्लॉटिंग के खसरों को ब्लॉक किया है। इसके बाद भी खुलेआम अवैध प्लॉटिंग चल रही है। (chhattisgarh news) दूसरों की और सरकारी जमीन दिखाकर भूमाफिया खुलेआम सौदा कर रहे हैं। इसका खुलासा तब होता है जब लोग अपनी जमीन का पजेशन लेने पहुंचते हैं।(raipur news in hindi) कई शिकायतें ऐसी भी मिली हैं कि अवैध प्लॉटिंग में लोगों ने रोड-रास्ता और निस्तारी जमीन का खसरा भी बेच दिया है।

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दूसरे की जमीन को बताया अपनी और ले लिए 10 लाख

अवैध प्लॉटिंग में जमीन खरीदने के नाम पर 10 लाख की ठगी का खेल उजागर हुआ है। पचपेड़ी नाका निवासी मनीष सिंह को प्रीतम खनूजा ने वीआईपी रोड के टेमरी में जमीन दिखाई और बताया कि वह वहां प्लॉटिंग कर रहा है। (cg news today) जगह पसंद आने पर मनीष सिंह ने 10 हजार वर्गफीट जमीन का 45 लाख में सौदा किया। 10 लाख रुपए लेने के बाद आरोपी ने दो माह बाद रजिस्ट्री के लिए बुलाया। कारोबारी पैसा लेकर रजिस्ट्री दफ्तर पहुंच गए। बाद में पता चला की जमीन दूसरे की थी।

सरकारी खदान पाट कर कब्जा

चौरसिया कॉलोनी में खसरा नंबर 201/1 और 202/1 पर सरकारी खदान व शासकीय भूमि है। भूमाफियाओं ने खदान को पाट कर अवैध प्लॉटिंग की। (cg hindi news) 3 एकड़ क्षेत्र में मकान भी बनने लगे। मामले का खुलासा हुआ तब पता चला कि बड़ी बिल्डिंग, गोदाम और मकान बना दिए गए हैं। निगम ने कुछ मकानों को तोड़ कर मामला शांत कर दिया है।

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25 परिवार परेशान
कोटा टीचर्स कॉलोनी में सरकारी जमीन मे हुई अवैध प्लॉटिंग का खामियाजा 25 परिवार झेल रहे हैं। सरकारी जमीन के खसरा क्रमांक 150/3 को बेच दिया गया। आसपास के रहवासियों को पता चला कि सरकारी चरागाह बेचा गया है तो शिकायत की। (chhattisgarh news) तत्कालीन कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन ने 2019 में पूरे प्रकरण की जांच कराई। इसमें सीमांकन के बाद खसरा क्रमांक 150/3 में 1.072 हेक्टेयर जमीन में 28 लोगों का कब्जा होने का मामला पर्दाफाश हुआ।

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शासन कर रहा सख्त कार्रवाई

अवैध प्लॉटिंग में जमीन खरीदने वालों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिला प्रशासन अपने स्तर पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। आम जनता को भी जागरुक होना चाहिए।

- डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, रायपुर


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