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रायपुर

मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर, मात्र इतने अंकों से मिला पीजी में एडमिशन, आदेश के बाद गिरा कट ऑफ

Raipur News: प्रदेश में पहली बार इतने कम अंक वाले को पीजी करने का मौका मिला है। इस छात्र ने एक निजी कॉलेज में एडमिशन लिया है।

रायपुरNov 25, 2023 / 11:24 am

Khyati Parihar

Student with 34 marks in NEET got admission in PG Raipur news

मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर

रायपुर पत्रिका @ पीलूराम साहू। Chhattisgarh News: प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में नीट पीजी में 700 में महज 34 नंबर पाने वाले एक छात्र को पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन मिला है। प्रदेश में पहली बार इतने कम अंक वाले को पीजी करने का मौका मिला है। इस छात्र ने एक निजी कॉलेज में एडमिशन लिया है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने खाली सीटों को देखते हुए देशभर में नीट पीजी में जीरो परसेंटाइल अंक वालों को एडमिशन देने को कहा था। इसके बाद ही इतने कम अंक वाले छात्र को प्रवेश का मौका मिला है। प्रदेश में पीजी एमडी-एमएस की 30 व एमडीएस की 5 सीटों को भरने के लिए शुक्रवार को विशेष राउंड भी शुरू हो गया है।
कट ऑफ मार्क्स इतना गिरने के कारण एनएमसी की जीरो परसेंटाइल से प्रवेश का निर्णय प्रमुख कारण है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि निजी कॉलेज में कट ऑफ गिरा है। जबकि प्रदेश के सबसे बड़े नेहरू मेडिकल काॅलेज में अभी तक हुए एडमिशन में कट ऑफ 162 गया है। इस छात्र को बायो केमेस्ट्री मिला है। वहीं निजी कॉलेज में 34 अंक वाले छात्र ने एनाटॉमी में प्रवेश लिया है। प्रदेश के 7 सरकारी व 2 निजी मेडिकल कॉलेजों में पीजी की 520 सीटें हैं। इनमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 400 सीटें हैं। इसमें आधी सीटें आल इंडिया कोटे की है। चार चरणों की काउंसिलिंग के बाद भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 30 सीटें खाली हैं। इसमें 15 सीटें स्टेट कोटे की है। इन सीटों को भरने के लिए शुक्रवार से ऑनलाइन पंजीयन शुरू हो गया है। नीट पीजी क्वालिफाइड छात्र 27 नवंबर तक ऑनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। एडमिशन की आखिरी तारीख 30 नवंबर है। इसके बाद खाली सीटाें को भरने के लिए कोई काउंसिलिंग नहीं होगी।
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नेहरू मेडिकल कॉलेज में 7 सीटें खाली, सभी नॉन क्लीनिकल की

नेहरू मेडिकल कॉलेज में अभी पीजी की सात सीटें खाली हैं। ये सभी सीटें नॉन क्लीनिकल विभाग की है। स्टेट कोटे की 3 सीटें खाली है। इनमें कम्युनिटी मेडिसिन, माइक्रो बायोलॉजी व फोरेंसिक मेडिसिन की एक-एक सीट शामिल है। वहीं आल इंडिया कोटे में पैथोलॉजी में दो, बायो कैमेस्ट्री व कम्युनिटी मेडिसिन में एक-एक सीट भरी जानी है। सिम्स बिलासपुर, अंबिकापुर व रायगढ़ में स्टेट कोटे की एक-एक सीट को भरा जाना है। इन कॉलेजों में आल इंडिया की भी सीटें खाली हैं। इसी तरह निजी कॉलेजों में शंकराचार्य भिलाई में 5 व रिम्स रायपुर में 4 सीटें खाली हैं।
प्रेक्टिस के विकल्प नहीं इसलिए नहीं भर रहीं नॉन क्लीनिकल की सीटें

सरकारी हो चाहे निजी मेडिकल कॉलेज, नॉन क्लीनिकल विभाग जैसे एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायो कैमेस्ट्री, फोरेंसिक मेडिसिन व कम्युनिटी मेडिसिन की सीटें नहीं भर पा रही हैं। इसमें प्रेक्टिस का स्कोप नहीं के बराबर है। मेडिकल एक्सपर्ट सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ. कृष्णकांत साहू व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार पुरानी व नई पीढ़ी के डॉक्टर हो, प्रेक्टिस वाले विभाग में प्रवेश लेना चाहते हैं। अब तो सुपर स्पेश्यालिटी का जमाना है। जिन्हें टीचिंग में रुचि होती है, वे ही नॉन क्लीनिकल विभाग में प्रवेश लेते हैं।
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टॉपिक एक्सपर्ट

पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में जीरो परसेंटाइल से प्रवेश देना खतरनाक है। इससे न केवल मेडिकल एजुकेशन की क्वालिटी गिरेगी, वरन डॉक्टर भी अच्छे नहीं निकलेंगे। नाॅन क्लीनिकल विभागों की सीटों को भरने के लिए एनएमसी ने यह कवायद की है। – डॉ. देवेंद्र नायक, चेयरमैन बालाजी मेडिकल कॉलेज
पीजी में प्रवेश एमबीबीएस में मिले नंबरों के अनुसार होना चाहिए। चूंकि ये छात्र वैसे ही कड़ी परीक्षा के बाद एमबीबीएस में प्रवेश लेने का मौका पाते हैं। इसलिए पीजी में प्री टेस्ट की जरूरत नहीं है। एनएमसी को इस पर विचार करना चाहिए। – डॉ. सीके शुक्ला, रिटायर्ड डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज

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