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CG Politics: क्या रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा को मिल गया जिताऊ प्रत्याशी?

CG Politics: रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। दोनों ही दल जिताऊ घोड़े के दम पर विधानसभा में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं। ऐसे में प्रत्याशी फाइनल कर भाजपा कांग्रेस पर मानसिक दबाव बनाने के फेर में है।

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CG Politics: Ex Raipur MP Sunil Soni

CG Politics: क्या छत्तीसगढ़ भाजपा ने रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए दावेदारों की भीड़ में से सुनील सोनी के नाम पर मुहर लगा दी है? उपचुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से चार नामों की सबसे अधिक चर्चा है - संजय श्रीवास्तव, सुभाष तिवारी, केदार गुप्ता और सुनील सोनी। पार्टी सूत्रों के अनुसार सोनी बृजमोहन अग्रवाल की भी पहली पसंद हैं। सोनी ने 2019 में रायपुर लोकसभा चुनाव जीता था। हालांकि पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट न देकर बृजमोहन अग्रवाल को रायपुर से उतारा और भारी-भरकम जीत दर्ज की। अग्रवाल के प्रचार में सोनी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी लिया था। सोनी को इसका लाभ मिल रहा है और अग्रवाल उन्हें टिकट दिलाने पुरजोर प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस से रायपुर मेयर एजाज ढेबर, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, पार्टी के प्रदेश महामंत्री कन्हैया अग्रवाल, सन्नी अग्रवाल, सतनाम पनाग और सुमीत दास के नामों की चर्चा है।

सुनील सोनी हैं बृजमोहन की पसंद

बृजमोहन अग्रवाल और सुनील सोनी की जुगलबंदी नई नहीं है। सोनी लम्बे समय से अग्रवाल खेमे से जुड़े हुए हैं और इसका उन्हें समय समय पर अच्छा प्रतिसाद भी मिला। पूर्व में सोनी को रायपुर मेयर की टिकट दिलाने में अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाई। सोनी ने रायपुर मेयर का चुनाव जीतने वाले आखरी भाजपा नेता हैं। पिछले तीन चुनावों से रायपुर मेयर की कुर्सी कांग्रेस के पाले में जा रही है।

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CG Politics: आखिर कब होगा उपचुनाव?

वर्ष 2024 के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने की सम्भावना है। चुनाव आयोग इसी दौरान रायपुर दक्षिण के उपचुनाव की भी घोषणा कर सकता है। वैसे प्रदेश में इस बात की भी चर्चा है कि इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ संपन्न होंगे और इसे लेकर तैयारी भी प्रारम्भ हो गई है।

कांग्रेस का ये दांव पड़ा उल्टा

कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में धार्मिक समीकरणों और मठ के प्रभाव को देखते हुए महंत रामसुंदर दास को मैदान में उतारा था। कांग्रेस का ये दांव उल्टा पड़ा और शिष्य (बृजमोहन अग्रवाल) के सामने गुरु (रामसुंदर दास) को सबसे अधिक मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस इस बार ये गलती दोहराने के मूड में नहीं है। क्षेत्र में सक्रिय, स्थानीय चेहरा, सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए इस बार मौका दिया जाएगा।

प्रमोद-कन्हैया सबसे ज्यादा चर्चा में

कांग्रेस में दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त है, भाजपा से कहीं अधिक क्योंकि इस बार सभी को लग रहा है कि बृजमोहन अग्रवाल कि गैरमौजूदगी वे आसानी से पार्टी के लिए जीत दर्ज कर सकते हैं। हालांकि दौड़ में सबसे आगे प्रमोद दुबे और कन्हैया अग्रवाल हैं।भविष्य में कांग्रेस उपचुनाव को लेकर कई बैठकें करने वाली है और गहन मंथन के पश्चात ही कुछ नामों को अपने अंतिम लिस्ट में शामिल करेगी। कांग्रेस इस बार हर हाल में जीत दर्ज करने के उद्देश्य से मैदान में प्रत्याशी उतारेगी।