उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से एेसा ही उदाहरण पेश करने की मांग की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद को आरक्षण का लाभ छोड़ देना चाहिए, वैसे ही जैसे लोगों ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ी थी। उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ऐसा कर चुके हैं।
SIB की रिपोर्ट में हुआ खुलासा: आदिवासियों को उकसाने के लिए हुआ था पत्थलगड़ी आंदोलन! अग्निवेश ने कहा, कोविंद सर्वोच्च न्यायालय में वकील रहे हैं, इसके बाद भी आरक्षण का लाभ लेकर सांसद बनते रहे, इसके बाद राज्यपाल बने और फिर राष्ट्रपति अब तो उन्हें आरक्षण का सरेंडर कर देना चाहिए। उन्होंने कहा, ओबीसी में क्रीमी लेयर को आरक्षण के दायरे से बाहर रखना चाहिए। वहीं एससी – एसटी में आरक्षण का लाभ पा जाने वालों को खुद ही दूसरों के लिए यह अधिकार छोड़ देना चाहिए।
RSS की चिंतन शिविर में पत्थलगड़ी का ताप साधने की कोशिश
नक्सली समस्या पर भी अग्निवेश ने केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोाला। उन्होंने कहा कि नक्सली समस्या को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। पूरे देश में दिनों दिन नक्सली समस्या बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी सरकार की ओर से इसे लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बतादें कि सरकार और नक्सलियों के बीच बातचीत को लेकर स्वामी अग्निवेश सुर्खियों में आए थे।
पत्थलगड़ी लोकतंत्र का हिस्सा, आदिवासियों ने कहा भ्रम न फैलाए सरकार
अग्निवेश ने आदिवासियों के पत्थलगड़ी आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सर्व आदिवासी समाज अपने संवैधानिक मांगों को लेकर पत्थलगड़ी आंदोलन कर रहे हैं, आदिवासियों के इस संवैधानिक आंदोलन को विद्रोह का नाम देना गलत है। आदिवासियों के इस आंदोलन को समाज के सभी वर्ग के लोगों को समर्थन करना चाहिए।