पत्थलगड़ी लोकतंत्र का हिस्सा, आदिवासियों ने कहा भ्रम न फैलाए सरकार, 92 ने दी गिरफ्तारी
जेल भरो आंदोलन के तहत आदिवासी समाज ने रैली निकाली और गिरफ्तारी दी।

राजनांदगांव. पत्थलगड़ी आंदोलन के नाम पर जेल भेजे गए अपने साथियों की रिहाई की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मंगलवार दोपहर कलक्टोरेट के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया। जेल भरो आंदोलन के तहत आदिवासी समाज ने रैली निकाली और गिरफ्तारी दी। प्रदर्शनकारियों को लालबाग थाने के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे गिरफ्तार किया गया। पुलिस के अनुसार कुल 92 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
भ्रम फैला रहे पत्थलगड़ी के नाम पर
छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले पत्थलगड़ी को लेकर भ्रम फैलाए जाने और पत्थलगड़ी करने वाले उनके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिए जाने के विरोध में यहां भी आंदोलन किया गया। धरना स्थल पर समाज के जिला अध्यक्ष देवनारायण नेताम ने कहा कि संवैधानिक शिलालेख (पत्थलगड़ी) को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कहना कि आदिवासी पत्थलगड़ी कर देश से खुद को अलग करने का काम कर रहे हैं, गलत है।
आंदोलन लोकतंत्र का हिस्सा
नेताम ने कहा कि आदिवासियों के इस संवैधानिक आंदोलन को विद्रोह का नाम देना गलत है। उन्होंने कहा कि आदिवासी अपनी उपेक्षा होने पर अपनी बात नहीं रख पाते, इसलिए इनकी आवाज को और संवैधानिक हकों को पत्थरों पर उकेरकर सरकार तक पहुंचाने का काम किया रहा है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लोकतंत्र का हिस्सा है लेकिन आदिवासी के आवाज बुलंद करने पर इसे विद्रोह करार देना दुर्भावना है।
तगड़ी पुलिस व्यवस्था
आदिवासी समाज के आंदोलन के मद्देनजर शहर में पुलिस की तगड़ी व्यवस्था की गई थी। कलक्टोरेट से लेकर लालबाग थाने तक भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। कलक्टोरेट के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे धरना देने और सभा लेने के बाद आदिवासी समाज ने रैली निकाली लेकिन कुछ दूर आगे जाने के बाद लालबाग थाने के सामने फ्लाई ओव्हर के नीचे बनाए गए अस्थाई जेल में सभी को रोक लिया गया। सीएससी शौकत अली ने बताया कि इस दौरान ९२ लोगों की गिरफ्तारी की गई है।
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