
एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा एक माह में कराएं
रायपुर. प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों को माहभर के भीतर एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र-छात्राओं के एग्जाम कराने होंगे नहीं तो कॉलेज प्रबध्ंान इसका जिम्मेदार होगा। ऐसे कॉलेजों पर कार्रवाई भी की जा सकती है। आयुष विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सभी मेडिकल कॉलेजों को आदेश जारी कर इससे अवगत करा दिया है। एमबीबीएस फाइनल ईयर का ३१ मार्च के पहले परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना है। विशेषज्ञों के अनुसार, मेडिकल कॉलेज अक्सर एग्जाम कराने तथा उत्तर पुस्तिका जांच कर भेजने में विलंब कर देते हैं, जिससे परीक्षा परिणाम आने में भी काफी विलंब हो जाता है। परीक्षा परिणाम देरी से आने पर एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्र प्री-पीजी की परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं और उनका एक साल बर्बाद हो जाता है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज माहभर के भीतर थ्योरी व प्रेक्टिकल परीक्षा कराने में जुट गए हैं।
२४ से शुरू होगा एग्जाम
एमबीबीएस फाइनल ईयर की थ्योरी का एग्जाम २४ फरवरी से शुरू होगा, जो ३ मार्च तक चलेगा। इसके बाद प्रेक्टिकल का एग्जाम होगा। प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज संचालक ने बताया कि माहभर के भीतर एग्जाम और उत्तर पुस्तिका जांच कर भेजने के निर्देश मिले हैं।
हर साल ३१ मार्च डेड लाइन होता है। मेडिकल कॉलेजों को इससे पहले एग्जाम तथा उत्तर पुस्तिका जांच कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा परिणाम विलंब होने पर छात्र एक साल के लिए पीछे हो जाते हैं।
डॉ. अशोक चंद्राकर, कुलपति, आयुष विवि
Published on:
21 Feb 2020 11:45 pm
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