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कोरोना को हराना ही है…

- 3 विशेषज्ञों के हवाले से जानें कोरोना के बारें पूरी जानकारी - विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने घोषित की महामारी

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कोरोना को हराना ही है...

कोरोना को हराना ही है...

रायपुर. कोरोना वायरस भारत में पैर पसार रहा है। मगर, केंद्र से लेकर राज्य सरकारों द्वारा इसकी रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की वजह से कुछ हद तक अंकुश लगा है। बावजूद इसके खतरा तो बना ही हुआ है। इसलिए हम सबको कोरोना वायरस के बारे में 100 प्रतिशत सही जानकारी होना जरूरी है। क्योंकि बाजार भ्रामक जानकारियों से भरा पड़ा है।

'पत्रिकाÓ ने महामारी नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवईं,डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरके पंडा और टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. गिरीश अग्रवाल से बातचीत कर यह रिपोर्ट तैयार की है। जो आपको वायरस को लेकर हर एक कन्फ्यूजन (दुविधा) को दूर करेंगे। अगर कोरोना को हराना है तो इसकी जानकारी ही बचाव है। क्योंकि अभी इसकी कोई दवाई इजात नहीं हुई है।

सिर्फ इन तीन बातों का रखें ध्यान-

पहला- अगर आपको सर्दी, जुखाम और खांसी है तो बगैर देरी किए तत्काल रायपुर जिला अस्पताल, डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल और एम्स रायपुर में संचालित ओपीडी में जांच करवाएं। डॉक्टर की सलाह पर संपूर्ण इलाज लें। डॉक्टर लक्षणों को देखकर आपको कोरोना टेस्ट की सलाह देंगे।

दूसरा- अगर विदेश की यात्रा कर लौटे हैं तो राज्य नोडल अधिकारी, जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला अस्पताल सिविल सर्जन को सूचित करें। एहतियातन आपकी सैंपलिंग जरूरी है, ताकि खतरा कम किया जा सके।आपको 14 दिनों तक कोरन टाइम में रखा जाएगा।

तीसरा- हर व्यक्ति को मॉस्क पहनने की जरुरत नहीं है, सिर्फ उनको जो संक्रमित हैं, संदिग्ध हैं या फिर विदेश से लौटे हैं। इस जागरूकता से ही मॉस्क की कालाबाजारी रुकेगी।

(- जैसा की 'पत्रिकाÓमहामारी नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. धमेंद्र गहवईं ने बताया)

छह घंटे में जांच की सुविधा-

एम्स रायपुर में जिलों से भेजे जा रहे सैंपल की जांच सिर्फ छह घंटे में जारी कर दी जा रही है। इससे संदिग्धों के उपचार और उनकी निगरानी में आसानी हो रही है। एक बात और किसी भी निजी लैब में कोरोना की जांच नहीं होती है, इसका विशेष ध्यान रखें।

हेल्प लाइन नंबर- 104 आरोग्य हेल्प लाइन-

करोना वाइरस से बचने के साधारण उपाय-

यह वाइरस 3 प्रकार से फैलता है...-

पहला- हवा से

दूसरा- छींक और खासीं से उत्पन ड्रोप्लेट (कणों) के जरिए।

तीसरा- सतह से यानी की संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सामग्री से।यह वायरस किसी भी सतह पर सात दिनों तक जिंदा रह सकता है। जो इसे खतरनाक बनाता है।

खुद रहें सावधान, दूसरों को रखें सुरक्षित-

- दूसरों से कम से कम एक से तीन फ़ीट की दूरी बनाए रखे। खासकर उन लोगों से जो सर्दी, जुखाम, खांसी वाले हैं। या फिर विदेश से लौटे हैं।

- छींकते वक्त अपनी कोहनी का इस्तेमाल करे ना की हाथों का।

- किसी का भी अभिवादन नमस्ते कर के करे ना की हाथ मिलके या गले मिल के।यदि आप भीड़-भाड़ वाली जगह में जा रहे हैं तो मास्क लगाएं।

- हाथ को थोड़ी-थोड़ी देर से साबुन पानी या एल्कोहाल बेस्ट सेनिटीजेर से धोते रहे। कम से 20 सेकंड तक धोएं।

- चेहरे आंख और नाक को बार बार छूने से बचे।

- आपका काम ऐसा है कि बहुत सारे लोगों के सम्पर्क में आते है तो टेबल और इसके आस-पास की जगह को सेनेटाइजर से साफ़ करवाते रहे।

(- जैसा की 'पत्रिकाÓ को टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. गिरीश अग्रवाल ने बताया।)