
नक्सलवाद की रात अब ढल रही, बस्तर में विकास की नई सुबह हो रही: सीएम
इनमें 25 लाख के इनामी एसजेडसीएम रामन्ना ईरपा उर्फ जगदीश का आत्मसमर्पण शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही दिन में बीजापुर से 25, दंतेवाड़ा से 15, कांकेर से 13, नारायणपुर से 8 और सुकमा से 5 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर वे अब हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने को तैयार हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बस्तर के दूरस्थ और अत्यंत संवेदनशील क्षेत्रों में एक साथ सुरक्षा और विकास का कार्य कर रही है। सड़कों का विस्तार, पेयजल व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं को नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंचाया गया है।
सीए ने बताया कि बीते 18 महीनों में कुल 1,570 माओवादी कैडर आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं। यह हमारे शासन की पारदर्शी नीतियों, नागरिक-हितैषी कार्यप्रणाली और पुनर्वास के प्रति ईमानदारीपूर्ण दृष्टिकोण का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन सामाजिक और आर्थिक पुनर्निर्माण के समर्पित प्रयासों का परिणाम है।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा और नारायणपुर जिले में 53 और कांकेर जिले में 13 नक्सलियों ने गुरुवार को सरेंडर किया। इन सभी पर 2 करोड़ 25 लाख रुपए का इनाम घोषित था। बीजापुर में सर्वाधिक 1 करोड़ 15 लाख के 25 नक्सलियों ने सरेंडर किया। बीजापुर में 25 लाख के इनामी ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य एसजेडसीएम रामन्ना ईरपा ने भी आत्मसर्पण कर दिया। दंतेवाड़ा में 15, सुकमा में 5 और नारायणपुर में 8 नक्सलियों ने समर्पण किया। बीजापुर में समर्पण आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी, डीआईजी कमलोचन कश्यप, बीजापुर एसपी डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव व केंद्रीय सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने स्वीकार किया कि अब संगठन के विचारों में दम नहीं रहा। वर्षों की हिंसा के बाद भी उनके जीवन में कोई सकारात्मक परिवर्तन नहीं आया। अंदरूनी कलह, भविष्य की अनिश्चितता, विकास से जुडऩे की इच्छा और सुरक्षित पारिवारिक जीवन की चाह ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया। आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सलियों को 50 हजार की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया। शासन की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें रोजगार, शिक्षा, और सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। 2025 में अब तक 242 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं 300 गिरफ्तार किए गए हैं और 127 मारे गए हैं। 2024 में 431 आत्मसमर्पण, 803 गिरफ्तारी और 185 नक्सली मारे गए थे।
Published on:
25 Jul 2025 12:40 am
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