इसके मायने क्या हैं?
बारिश 96 से लेकर 104 प्रतिशत हो तो मानसून सामान्य कहा जाता है। इसका मतलब है कि फसल उत्पादन में वृद्धि, दालों और तेलों का आयात कम, नहरों, तालाबों और बांधों में पर्याप्त पानी, पेयजल की बहुलता, बिजली संकट से निपटने में आसानी और सिंचाई में आसानी होती है।
अल-नीनो का खतरा कम
मानसून से पहले अल-नीनो की स्थिति सामान्य होने से अल-नीनो का खतरा कम हो गया है। अल-नीनो प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के गर्म होने की स्थिति है।ये है पूर्वानुमान
सामान्य यानि 96 फीसदी से 104 फीसदी बारिश की संभावना : 42 फीसदी, सामान्य से अधिक बारिश (104-110 फीसदी के बीच)की संभावना : 12 फीसदी, अत्याधिक बरसात (110 फीसदी से ज्यादा) की संभावना : 02 फीसदी, सामान्य से कम बरसात (90-96 फीसदी के बीच) की संभावना : 30 फीसदी, सूखे (90 फीसदी से कम बरसात) की संभावना : 16 फीसदी।
15 मई को जारी होंगे केरल के अनुमान
मानसून के केरल पहुंचने का अनुमान 15 मई को जारी होगा। दूसरे चरण के पूर्वानुमान जून की शुरुआत में आएंगे। इसमें देश के सभी हिस्सों में बारिश के मासिक पूर्वानुमान और चारों क्षेत्रों में जून से सितंबर तक के पूर्वानुमान दिए जाएंगे।
छत्तीसगढ़ में होगी झमाझम बारिश
मौसम के पूर्वानुमान से छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश की उम्मीद किसानों को राहत देने वाली खबर है। मानसून 15 मई के बाद केरल पहुंचते ही मौसम विशेषज्ञ का पूर्वामान अपनी अंतिम रिपोर्ट दे दे देंगे। देश के सभी हिस्सों में अच्छी बारिश की खबर सुनते अन्नदाताओं के चेहरे में उम्मीद की एक नई किरण आई है। छत्तीसगढ़ में किसान जून माह में ही खेतों की सफाई कर जून के आखरी सप्ताह से पूरी तरह से खेती-किसानी काम में जुट जाते हैं।