
Makar Sankranti Puja 2024 : मकर संक्रांति 14 को है या 15 को! इसे लेकर लोगों में भारी कंफ्यूजन है। ज्योतिषियों की मानें तो मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाना ही श्रेयष्कर होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान सूर्य नारायण रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात 2.44 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में संक्रांति का पुण्यकाल सोमवार को पूरे दिन रहेगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. दत्तात्रय होस्केरे ने बताया, सोमवार को सूर्यदेव के उत्तरायण होने के साथ खरमास भी समाप्त हो जाएगा। सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार की मकर संक्रांति बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन सालों बाद कुछ दुर्लभ योग का संयोग बन रहा है। इससे कुछ राशियों के अच्छे दिन शुरू होंगे।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा के लिए विशेष होता है। इस दिन विशेष राशियों का भाग्य सूर्य की तरह चमक उठेगा। 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 सालों के बाद वरीयान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन बुध और मंगल भी एक ही राशि धनु में रहेंगे। इनकी युति राजनीति, लेखन वाले लोगों के लिए फायदेमंद होगी।
Makar Sankranti 2024 : विधानसभा रोड स्थित श्रीराम बिजनेस पार्क में आयोजित कास्मो एक्सपो ट्रेड एंड बिल्ड फेयर में शनिवार को काफी संख्या में पहुंचे लोगों ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि यह वाकई हमारा आपका सबका एक्सपो हैं, जहां सबके लिए सब कुछ उपलब्ध है। रामलला का सजा भव्य दरबार लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। रविवार को एक्सपो में दो प्रमुख इवेंट सुबह 11.30 से शाम 5 बजे तक काइट फेस्टिवल व शाम 5.30 बजे से तम्बोला की धूम रहेगी।
काफी उत्साह लोगों में इन दोनों इवेंट को लेकर देखा जा रहा है। आगंतुकों का विशाल ढोल की थाप के साथ एक्सपो में स्वागत हो रहा है। श्रीराम बिजनेस पार्क का विशाल पार्किंग स्पेस में एक्सपो जाने वाले को वाहन रखने की आसान सुविधा फ्री में मिल रही है। लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए आयोजकों ने बहुत ही सुंदर राम लला का दरबार यहां सजाया है। इस झांकी को विशेष तौर पर तैयार करवाया गया है।
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मान्यता... गंगा में स्नान से होती हैं मोक्ष की प्राप्ति
मकर संक्रांति पर पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही पूर्व जन्मों के पाप का क्षय हो जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरण हुई थीं और राजा भागीरथ के पीछे-पीछे गंगा सागर तक पहुंची थी। इस दिन स्नान-दान करने से व्यक्ति के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। गंगा स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है।
महत्व: 1000 गायों को दान करने का शुभ फल
Makar Sankranti : माना जाता है कि संक्रांति के दिन दान करने पर 1000 गायों के दान का शुभ फल प्राप्त होता है। संक्रांति पर स्नान कर सूर्य देवता सहित नवग्रहों की पूजा करना चाहिए। इसके बाद श्रद्धा अनुसार वस्त्र, अन्न और धन का दान करने का विधान है। मकर संक्रांति के दिन तिल और खिचड़ी दान बहुत ही शुभ माना गया है। दान का समय सुबह सूर्योदय से सूर्यास्त तक रहेगा। यह मुहूर्त दान आदि करने के लिए बेहद शुभ है। जरूरतमंदों में खिचड़ी, गुड़, काले तिल, ऊनी कपड़े आदि दान करें। उत्तरायण में दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं।
मकर संक्रांति शुभ संयोग
पुण्यकाल : सुबह 7. 15 बजे से शाम 6.21 बजे तक। महापुण्यकाल: सुबह 7.15 बजे से सुबह 9.06 बजे तक। वरीयान योग: रात 2.40 बजे से रात 11.11 बजे तक। रवि योग: सुबह 7.15 बजे से सुबह 8 .07 बजे तक। सोमवार: 5 साल बाद सोमवार को संक्रांति। सूर्य संग शिव का भी आशीर्वाद मिलेगा।
Updated on:
14 Jan 2024 01:10 pm
Published on:
14 Jan 2024 12:11 pm
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