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रेलवे की जमीन पर काबिज लोग हटाने से पूर्व विस्थापन की जोह रहे बाट

नगर में रेलवे के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट राजिम रैकयार्ड के चलते वार्ड क्रमांक 5 इंदिरा मार्केट स्थित रेलवे की जमीन पर वर्षों से मकान व दुकान निर्माण कर निवासरत और व्यवसायरत लगभग 400 लोगों को दक्षिण पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता के आदेश पर कविता साहू द्वारा लगातार तीन दिनों से नोटिस जारी कर 15 दिवस के भीतर अपना कब्जा हटाने कहा गया है।

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रेलवे की जमीन पर काबिज लोग हटाने से पूर्व विस्थापन की जोह रहे बाट

रेलवे की जमीन पर काबिज लोग हटाने से पूर्व विस्थापन की जोह रहे बाट

नवापारा राजिम। नगर में रेलवे के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट राजिम रैकयार्ड के चलते वार्ड क्रमांक 5 इंदिरा मार्केट स्थित रेलवे की जमीन पर वर्षों से मकान व दुकान निर्माण कर निवासरत और व्यवसायरत लगभग 400 लोगों को दक्षिण पूर्व रेलवे के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता के आदेश पर कविता साहू द्वारा लगातार तीन दिनों से नोटिस जारी कर 15 दिवस के भीतर अपना कब्जा हटाने कहा गया है। बाकायदा घरों व व्यावसायिक दुकानों को टेप से नापकर नोटिस दिया जा रहा है। रेलवे द्वारा अचानक दिए गए नोटिस से हैरान-परेशान कब्जाधारी रेलवे की कार्रवाई को फिलहाल टालने मुख्य राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों के चक्कर काटना शुरू कर दिए हैं।
वहीं, कुछ दिनों पूर्व ही रेलवे से नोटिस मिलने के बाद वार्ड नं. 5 के पार्षद व सभापति अजय कोचर के नेतृत्व में वार्डवासी विधायक धनेन्द्र साहू से इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की थी। विधायक धनेंद्र साहू ने भी इस दिशा में मानवीय पहल करने की बात कही है। हालांकि, इसके बावजूद गुरुवार को रेलवे के अधिकारी इंदिरा मार्केट पहुंचे और अतिक्रमण मुक्त कराई जाने वाली जगहों को चिन्हांकित कर चले गए हैं।
रेलवे के नजरिए से अगर इस मामले को देखा जाय तो अब तक रेलवे की जमीन पर निवास व व्यवसायरत लोगों को रेलवे का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसने इतने वर्षों तक उन लोगों को अपनी जमीन बिना किसी टैक्स या किराए के उपभोग करने दी है। वहीं, रेलवे ने दीपावली तक का समय कब्जा खाली करने के लिए दिया है। उसके बाद भी कब्जा नहीं हटाने पर दीपावली के बाद कभी भी कब्जामुक्त कराया जाएगा।
मामले के मानवीय पहलू को देखा जाए तो लोगों को बेघर कर देने से गरीब परिवारों पर क्या गुजरेगी? यह समझा जा सकता है । हो सकता है कि ऐसे में कल को अगर रेलवे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करता है, तो यहां निवासरत व व्यवसायरत लोग भावावेश में स्वयं के साथ कुछ अप्रिय घटनाकारित कर सकते हैं। ऐसे में रेलवे को यह बात समझनी होगी कि कब्जा हटाने से पूर्व प्रभावित (बेघर) हो रहे लोगों को राज्य सरकार के सहयोग से किसी भी तरह सम्मानपूर्वक व्यवस्थापित करे।
विदित हो कि नवापारा में लगभग 100 वर्षों से राजिम रेलवे स्टेशन स्थापित है। कुछ वर्षों पहले तक रायपुर से नवापारा के इसी राजिम रेलवे स्टेशन तक छोटी लाइन की रेल सेवा चालू थी, जिसे लोग छुकछुकिया रेलगाड़ी भी कहते थे। छुकछुकिया, नवापारा और इस मार्ग में आने वाले ग्रामों के गरीब लोगों के लिए एक लाइफलाइन के समान थी। गरीब लोग नाममात्र दर पर रायपुर से अपने गंतव्य तक आना-जाना कर लेते थे। छुकछुकिया के बंद होने के बाद से ही इंदिरा मार्केट में निवासरत व व्यवसारत कब्जाधारियों को एहसास हो गया था कि वह अब ज्यादा दिनों तक इस जमीन पर नहीं रह पाएंगे। लेकिन आर्थिक रूप से काफी कमजोर इन लोगों के पास अपने व्यवस्थापन के लिए पैसा नहीं होने हैं। इसलिए वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं।