
रायपुर. जीएसटी इंटेलिजेंस (GST Intelligence) की टीम ने 1000 करोड़ रुपए का आईटीसी घोटाला करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो आरोपियों परितोष कुमार सिंह और रवि तिवारी को गिरफ्तार किया। मूलरूप से झारखंड के रहने वाले दोनों आरोपी रायपुर के भाठागांव स्थित रावतपुरा कालोनी में किराए के मकान में फर्जी बिल बनाने का काम करते थे। इसके लिए उन्होंने कागजों में 30 कंपनियों का गठन किया गया था।
जीएसटी इंटेलिजेंस ने भाठागांव में स्थित मकान में दबिश के दौरान तलाशी में बड़ी संख्या में फर्जी आईडी, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, लैपटाप, आधार कार्ड सहित करोड़ों रुपए के लेनदेन करने के दस्तावेज मिले है। इसे जब्त करने के बाद आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। साथ ही उनसे आईटी लाभ देने वाले कारोबारियों की तलाश की जा रही है।
बता दें कि दोनों ही आरोपियों पर जीएसटी इंटेलिंजेस की टीम पिछले कई महीने से नजर रख रही थी। यह कार्रवाई जीएसटी इंटेलीजेंस, रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय के नेतृत्व और अतिरिक्त निदेशक महेंद्र कुमार शर्मा की अगुवाई में की गई।
30 से ज्यादा फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी
अंतरराज्यीय रैकेट का संचालन करने वाले आरोपी परितोष और रवि पिछले काफी समय से फर्जीवाड़ा कर रहे थे। फर्जी नामों से 30 से ज्यादा फर्म बनाकर मध्यप्रदेश, झारखंड और मध्यप्रदेश के कारोबारियों के नाम 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा बोगस बिल के जरिए 258 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी कर चुके है।
जीएसटी इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि टैक्स चोरी रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जीएसटी इंटेलिजेंस रायपुर जोनल इकाई के अतिरिक्त निदेशक महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से हम आरोपियों को पकडऩे में सफल हो पाए जिनकी तलाश देश भर की तमाम टैक्स एजेंसीज काफी समय से कर रही थीं।
Published on:
27 Jan 2021 10:40 am
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