किसी इलाके में तो नाले का पानी ही वापस कॉलोनी में आ रहा था। नगर निगम और राज्य आपदा प्रबंधन के कंट्रोल रूम में फोन करने के बावजूद पानी निकासी के लिए अमला तक नहीं आए। इधर, में मौसम विभाग में शहर में 27.2 मिमी बारिश दर्ज की।
आज भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने राजधानी सहित दुर्ग, बस्तर और रायपुर संभाग में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राजधानी में एक-दो बार भारी होने की अति संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम उत्तर बंगाल की खाड़ी और आसपस के क्षेत्र में एक कम दबाब का क्षेत्र बना है।
जिसे संगत ऊपरी वायु का चक्रवाती घेरा 7.6 किती तक प्रसारित है। इसके अलावा उत्तर छत्तीसगढ़ और आसपास समुद्री तल से 1.5 किमी ऊंचाई तक एक ऊपरी वायु का चक्रवाती घेरा बना है। इस कारण से राजधानी से प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं भारी हो रही है। कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो रही है।
कहां कितनी बारिश
रायपुर- 27.2 मिमी, माना एयरपोर्ट – 17.0 मिमी, बिलासपुर 21.4 मिमी, पेंड्रारोड- 21.5 मिमी, अंबिकापुर- 7.3 मिमी, जगदलपुर 17.1 मिमी, दुर्ग- 13.0 मिमी, राजनांदगांव- 1.0 मिमी।
यहां हुई भारी बारिश
घरघोड़ा- 15 सेमी, बेमेतरा – 13 सेमी, अंतागढ़ 9 सेमी, माकड़ी – 8 सेमी, सिमगा- 7 सेमी, मुंगेली, राजपुर, छिंदगढ़ 6-6 सेमी, साजा, रायगढ़, कोंडागांव, बाचेली 5-5 सेमी, बसना, सूरजपुर, मनोरा, कांसाबेल में 4-4 सेमी बारिश हुई।
जिले में अब तक 203 मिमी औसत वर्षा दर्ज
वर्तमान मानसून सत्र के दौरान जिले में एक जून से 13 जुलाई तक 202.9 मिमी की औसत वर्षा दर्ज की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके तहत रायपुर तहसील में 349 मिमी, आरंग तहसील में 195.2 मिमी वर्षा, अभनपुर तहसील में 137.5 मिमी एवं तिल्दा तहसील में 130 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। पिछले वर्ष इसी अवधि में 274 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। पिछले 10 वर्ष में औसत रूप से इस अवधि में 252.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
इन इलाकों में भरा पानी
देवेंद्र नगर थाना से पंडरी कपड़ा मार्केट चौक तक , शांति नगर में नाले के पास,राजा तालाब, शिवानंद नगर, जलविहार कॉलोनी, निगम मुख्यालय के सामने, प्रोफेसर कॉलोनी सेक्टर एक, आनंद नगर, मोतीबाग के सामने रोड सहित अन्य इलाकों की सड़कों और नालियों पर पानी शाम तक भरा रहा।
कहां क्या स्थिति रही
देवेंद्र नगर थाने से पंडरी कपड़ा मार्केट चौक तक – कमर तक पर रोड पर पानी भर गया था। दरअसल, यहां रोड के बीचों-बीच डिवाडर होने और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं होने से पानी रोड पर भर जाता है। हालांकि एक घंटे बाद पानी निकल गया।
शांतिनगर नाले के पास- नाले को क्रॉस करने के लिए पुलिया बनाई गई। जिस कारण से रोड का पानी दोनों तरफ सड़क की तरफ आता है। इससे रोड पर पानी भर जाता है। यहां भी घुटने तक पानी भरा हुआ था।
राजातालब – एक्सप्रेस वे के निर्माण के चलते नाला जाम हो गया है। जिस कारण से नाले का पानी राजताला की बस्तियों की ओर डायवर्ट हो जा रहा है। शिवानंद नगर- यहां नालियां जरूर बनाई गई है, नाली ऊपर नीचे होने के काण बीच-बीच में बारिश का पानी ओवर फ्लो ओकर रोड पर बहते रहता है। यहां भी घुटने तक पानी भर गया था।
जलविहार कॉलोनी- यहां भी बारिश के पानी की निकासी के लिए मरीन ड्राइव तक पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन बीच में ब्लॉक होने के कारण पानी कॉलोनी की सड़क पर जमा हो जाता है।
मोतीबाग के सामने रोड पर- यहां पर भी हल्की बारिश होते ही सड़क पर पानी भर जाता है। यहां भी बीच में डिवाइडर तो बनाया गया है, लेकिन बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई।
निगम मुख्यालय के सामने – यहां भी जरा सी बारिश होते ही बारिश का पानी सड़क पर जाता है। यहां भी पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नहीं होने से यहीं बारिश का पानी सड़क पर आ जाता है।