रंगोली कलाकार प्रमोद साहू की पहल
इंटरनेशनल रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू ने भी छतीसगढ़ी में कार्ड छपवाया है। थीम रखी है- सुरता राखे रहू। पूरी डिटेल छत्तीसगढ़ी में छपवाई है। वे कहते हैं, छत्तीसगढ़ी हमारी मातृभाषा है। कई परिवार ऐसे हैं जिनकी मातृभाषा छतीसगढ़ी है लेकिन वे इसे नई पीढ़ी को हस्तांतरित नहीं कर रहे। इसलिए घरों में छत्तीसगढ़ी बोलनी बहुत जरूरी है। मातृभाषा के सम्मान के लिए हमने छत्तीसगढ़ी में कार्ड छपवाया।रिश्तों की मिठास
प्रमोद साहू के कार्ड में रिश्तों के नाम छत्तीसगढ़ी में लिखे गए हैं जिसकी मिठास अलग ही लग रही है। जैसे- बड़े बाबू-बड़े दाई, कका-काकी, ममा, मामी, ढ़ेड़हिन-ढ़ेड़हा: दीदी-भांटो, रद्दा जोहइया, नेवता पठोइया, बिहाव ठउर।