25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अच्छी खबर : एम्स में रजिस्ट्रेशन के लिए अब नहीं लगानी होगी लंबी लाइन

एम्स प्रबंधन ने 5 से 6 रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।

2 min read
Google source verification
AIIMS

रायपुर. एम्स में रजिस्ट्रेशन(पर्चा बनवाने) के लिए मरीजों को लंबी कतार से जल्द ही मुक्ति मिल सकती है। एम्स प्रबंधन ने 5 से 6 रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। काउंटर बढऩे से मरीजों का एक से डेढ़ घंटे तक का समय बचेगा। एम्स में अभी कुल 10 काउंटर संचाीित किए जा रहे हैं। सभी एक ही स्थान पर हैं, यहां कम जगह होने से भीड़ बढ़ जाती है और लोगों को असुविधा होती है।

एम्स, रायपुर में प्रशासनिक विभाग के अफसरों ने पिछले दिनों इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। बी-1 ब्लॉक में मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रबंधन ने यहां १० अतिरिक्त काउंटर बढ़ाने की योजना बनाई है। अफसरों ने पत्रिका से चर्चा करते हुए बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए जगह का अभाव लंबे समय से महसूस किया जा रहा है। प्रदेश सहित अन्य राज्यों से जांच व उपचार कराने आ रहे मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाए जाने की कवायद शुरू की गई है। बता दें कि एम्स, रायपुर में कंसल्टेंट्स की संख्या बढऩे के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या १००० तक पहुंच गई है। अभी जिस जगह पर रजिस्ट्रेशन हो रहा है, वहां एक हजार से ज्यादा लोगों के खड़े होने की जगह नहीं है। लिहाजा, लंबी लाइन, इंतजार और धक्का-मुक्की जैसी स्थिति निर्मित हो रही है।

परामर्श का नहीं बदलेगा समय
प्रशासनिक विभाग के अफसरों ने टोकन, रजिस्ट्रेशन और डॉक्टरों के परामर्श के समय पर भी विचार किया है, वर्तमान में एम्स प्रबंधन ने टोकन का समय तो सुबह 6:30 बजे की जगह 6 बजे करने का निर्णय लिया है, लेकिन डॉक्टरों के परामर्श का समय सुबह 9 बजे ही रखा गया है। एम्स प्रबंधन का कहना है कि उसमें बदलाव करने में मुश्किल होगी, क्योंकि ओपीडी का समय भले ही दोपहर 2 बजे तक है, लेकिन मरीजों की जांच, उपचार व परामर्श देने में काफी समय लग जाता है, इसलिए परामर्श के समय में परिवर्तन किया जाना मुश्किल है।

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा का मरीज लाभ उठाएं तो लंबी लाइन और इंतजार से छुटकारा मिल सकेगा। इससे डॉक्टर को भी मरीजों की जांच, उपचार और परामर्श देने का समय मिल सकेगा, वहीं मरीज या उनके परिजन असुविधाओं से बच सकेंगे।

डॉ. नीरेश शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर, एम्स, रायपुर