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स्वच्छ भारत: PM मोदी देख लें ये तस्वीर तो बोलती हो जाएगी बंद..

शौचालय की इन तस्वीरों ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है..

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PM Modi

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रायपुर . छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के आदिवासी क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालय की इन तस्वीरों ने सरकार की पोल खोल कर रख दी है। ग्रामीणों के घर बनाए गए शौचलय इतनी घटिया फ्लाई ऐश ईंटों से निर्माण की है कि ये शौचालय हवा के झोकों को नहीं झेल पा रही है। हल्की हवाओं से शौचालय धराशायी हो रहा है। ओडीएफ घोषित हो चुके इन शौचालय की तस्वीर पीएम मोदी देख लें तो उनकी बोलती बंद हो जाएगी।

अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे..
विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैनपुर विकासखंड को 26 जनवरी को ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है और सभी ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण पूर्ण होने की जानकारी आंकड़ों में दिया जाता है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। आज भी क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में शौचालय आधा-अधूरा निर्माण कर छोड़ दिया गया है और तो और जल्द शौचालय निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए फ्लाई ऐश ईंटों से शौचालय का निर्माण किया गया है, जो क्षेत्र में कारगर साबित नहीं हो पा रहा है।

पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र में आंधी, तूफान, बारिश की वजह से दूरस्थ क्षेत्र के धनोरा, सरईपानी, उसरीजोर, बिरीघाट, मटिया जैसे ग्राम पंचायतों में फ्लाई ऐश ईंटों से निर्मित दर्जनों शौचालय आंधी तूफान में गिर चुके हैं। यह मामला जनपद पंचायत कार्यालय में पहुंचने के बाद जैसे-तैसे शौचालयों का पुन: मरम्मत कार्य दिन-रात किया जा रहा है।

महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण ग्रामीणों के घरों में इसलिए किया जा रहा है कि गांव खुले में शौच मुक्त हो और सरकार व शासन इस योजना के लिए लाखों करोड़ों रुपए भी खर्च कर रही है। यह देखने को मिल रहा है कि ओडीएफ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कागजों में ही जैसे-तैसे शौचालय का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

मैनपुर विकासखंड के अधिकांश ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण आज भी अधूरा पड़ा हुआ है, जिसके कारण ग्रामीण इसका उपयोग चाह कर भी नहीं कर पा रहे हैं। अधिकांश शौचालयों में न तो सीट बिठाया गया है और न ही दरवाजे लगे हैं, जो सफेद हाथी साबित हो रहा है।

40 प्रतिशत शौचालय अधूरे पड़े
मैनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत मटिया के आश्रित ग्राम मुनगापदर, देबगुड़ा में 40 प्रतिशत शौचालय अधूरे पड़े हुए हैं और जो निर्माण किया गया है गुणवत्ताहीन शौचालय हवा में धराशायी हो रहा है, जबकि ग्राम पंचायत द्वारा 385 शौचालय पूर्ण होने की जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अधिकांश शौचालय में दरवाजा और सीट नहीं लगा है, जिसके कारण ग्रामीण इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। धनोरा, सरईपानी, बिरीघाट में भी यही हाल शौचालय का देखने को मिल रहा है। ज्ञात हो कि घटिया शौचालय व हवा में धराशायी हुए शौचालय के मामले को लेकर जल्द ही क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से करने की तैयारी कर रहे हैं।

ग्राम पंचायतों में शौचालय जहां-जहां आंधी तूफान में धराशायी हुआ है, इसकी जांच की जा रही है।
कमलेश ध्रुव, ब्लॉक समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन

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