
कायाकल्प में सांत्वना से ऊपर उठने की आस
रायसेन. हर साल चलने वाले कायाकल्प अभियान के तहत बुधवार को भोपाल से आई डॉक्टरों की टीम ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। जिसमें विभिन्न ङ्क्षबदुओं पर जांच पड़ताल कर कमियां और अच्छाईयों को तलाशा। टीम ने अस्पताल के हर कोने में जाकर बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल में मौजूद सुविधाओं, मशीनों आदि के उपयोग और उनको ऑपरेट करने वाले कर्मचारियों से तौर तरीके पूछे। एनएचएम भोपाल की तरफ से भेजी गई असेसर टीम में शामिल नर्मदापुरम से आए डॉ. मिलन सोनी तथा भोपाल से आई डॉ. शालिनी अर्क ने निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के सभी बोर्ड और टीआइसीयू पैथोलॉजी लैब, बायोमेडिकल वेस्ट, लॉन्ड्री आदि का निरीक्षण किया। टीम ने एसएनसीयू, आइसीयू, ओटी आदि में भी जाकर बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल की साफ सफाई एवं स्टाफ के व्यवहार की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि कायाकल्प अभियान के तहत हर साल सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया जाता है। जिसमें 80 ङ्क्षबदुओं पर जांच पड़ताल कर अंक दिए जाते हैं। साल में दो-तीन बार निरीक्षण के बाद बेहतर अंक पाने वाले अस्पतालों को पुरस्कृत किया जाता है। रायसेन जिला अस्पताल को बीते तीन साल से इस अभियान में सांत्वना पुरस्कार मिल रहा है। इस बार इससे ऊपर आने के प्रयास अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर विनोद परमार, सिविल सर्जन डॉ. एके शर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
जरूरत पडऩे पर हमीदिया के बजाय एम्स में शिशु-माता को करें रेफर
रायसेन. मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्यप्रदेश देश में टॉप पर है। लिहाजा मृत्यु दर के कारण तलाश कर इसे कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने एम्स के डॉक्टरों की एक टीम गठित की है। यह प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में निरीक्षण कर रही है। इसी क्रम में बुधवार को जिला अस्पताल पहुंची। एम्स दिल्ली और भोपाल के डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम ने एसएनसीयू, प्रसूति वार्ड सहित एंबुलेंस का निरीक्षण किया। सिविल सर्जन, शिशु रोग विशेषज्ञ आदि से लंबी चर्चा की। एसएनसीयू, लेबर रूम की नर्सों तथा महिला रोग विशेषज्ञों से भी बात कर खामियों को तलाशने का प्रयास किया। रायसेन आए दिल्ली एम्स के डॉक्टर रमेश अग्रवाल तथा भोपाल एम्स के डॉक्टर महेंद्र जैन ने रायसेन अस्पताल को सलाह दी है कि जरूरत पडऩे पर शिशु या माता को भोपाल एम्स रेफर करें। अभी तक जिला अस्पताल से ऐसे मरीजों को हमीदिया अस्पताल रेफर किया जाता है।
सीएम की अध्यक्षता में बनाई गई टीम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में निरीक्षण टीम बनाई गई है। इसमें विभिन्न विशेषज्ञों साथ दिल्ली और भोपाल एम्स के डॉक्टर हैं। ये पूरे प्रदेश के अस्पतालों में जाकर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। रिपोर्ट में कारणों के साथ सुझाव भी शामिल रहेंगे, जिन्हें अपनाकर मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।
टीम गठित की गई है
-प्रदेश में मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए सरकार प्रयासरत है। इसी सिलसिले में एम्स के डॉक्टरों
को शामिल कर टीम गठित की गई है। वही टीम रायसेन अस्पताल आई थी।
डॉ. एके शर्मा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल रायसेन
Published on:
19 Jan 2023 04:35 pm
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