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रायसेन कलेक्टर ऑफिस में चौंकाने वाला नजारा, अफसर भी दंग रह गए, ये है मामला

MP News: मंगलवार को रायसेन जिले के कलेक्टर ऑफिस से चौंकाने वाला नजारा सामने आया। जनसुनवाई में एक स्कूल के निर्माण के लिए लगभग डेढ़ सौ किमी दूर से आए ग्रामीण ने अब तक दिए आवेदनों को शरीर पर लपेटकर कलेक्ट्रेट में लोट लगाई। वहां मौजूद अफसर भी यह दृश्य देख दंग रह गए।

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Raisen Collectorate (फोटो सोर्स :@CollectorRaisen, सोशल मीडिया )

MP News: मंगलवार को रायसेन जिले के कलेक्टर ऑफिस(Raisen Collectorate) से चौंकाने वाला नजारा सामने आया। जनसुनवाई में एक स्कूल के निर्माण के लिए लगभग डेढ़ सौ किमी दूर से आए ग्रामीण ने अब तक दिए आवेदनों को शरीर पर लपेटकर कलेक्ट्रेट में लोट लगाई। वहां मौजूद अफसर भी यह दृश्य देख दंग रह गए। ग्रामीणों ने जनसुनवाई में आवेदन दिया और अपने गांव में शासन, प्रशासन द्वारा ही तोड़े गए स्कूल भवन के निर्माण की गुहार लगाई। इसमें ग्रामीणों का अपना हित नहीं है, वे गांव के बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित और परेशान हैं।

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कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार

कलेक्टर(Raisen Collectorate) अरुण कुमार विश्वकर्मा ने तत्काल एसडीएम मनीष शर्मा को दिशा निर्देश दिए। साथ ही जिला पंचायत की सीईओ और डीपीसी के साथ ग्रामीणों की बैठक भी हुई। इस दौरान कलेक्टर ने जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही स्कूल भवन निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

ये है पूरा मामला

मामला उदयपुरा विकासखंड की ग्राम पंचायत कोड़ा जमुनिया का है। जहां नेशनल हाइवे 45 के निर्माण के दौरान वर्ष 2021 में स्कूल भवन के साथ पंचायत भवन, आंगनबाड़ी, हैंड पंप तोड़े गए थे। जिनका निर्माण फिर नहीं हुआ। जबकि इन शासकीय भवनों के लिए मुआवजा राशि मिल चुकी है। ग्रामीण कई बार प्रशासन, शासन, जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देकर भवनों के निर्माण की गुहार लगा चुके हैं। ग्रामीणों की मांग पर खुद तत्कालीन नर्मदापुरम सांसद राव उदयप्रताप सिंह ने तीन बार कलेक्टर को पत्र लिखे, लेकिन आज भी स्कूल भवन सहित अन्य सरकारी भवनों का निर्माण नहीं हुआ। भाजपा किसान मोर्चा मंडल ने भी कलेक्टर को पत्र लिखकर स्कूल भवन निर्माण की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। वर्तमान स्थिति यह है कि स्कूल के बच्चे एक कक्ष में 30 बच्चे बैठकर पढ़ते हैं। भवन टूटने से पहले स्कूल में 80 बच्चे दर्ज थे।

सांसद ने लिखे थे तीन पत्र

उक्त स्कूल भवन निर्माण के लिए तत्कालीन सांसद उदयप्रताप सिंह ने कलेक्टर को 09 जनवरी 2022, 07 अगस्त 2022 तथा 30 जुलाई 2023 को पत्र लिखे। इसके अलावा ग्रामीणों ने विभिन्न अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को कई आवेदन दिए। इस संबंध में कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा और सीइओ अंजू भदोरिया से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किए। ग्रामीणों से आवेदन लेने वाले रायसेन एसडीएम मनीष शर्मा का कहना है कि कोड़ा जमुनिया के लोग आए थे, एनएच के निर्माण में गांव का स्कूल टूटा था, उसके लिए मुआवजा राशि आ चुकी है, जो जिला पंचायत में है। स्कूल बनाने के लिए लेआउट का कोई मामला है, इसलिए निर्माण नहीं हो पा रहा है।

एक करोड़ से ज्यादा राशि मिली

एनएच निर्माण के लिए स्कूल और पंचायत भवन तोड़ने पर नियमानुसार मुआवजा राशि दी गई है। जो जिला पंचायत के पास है। एडीएम बरेली द्वारा 01 फरवरी 2023 को तीन भवनों के निए एक करोड़ 23 लाख 89 हजार की राशि स्वीकृत की गई थी। जिसमें माध्यमिक शाला के लिए 82 लाख 25 हजार 770 रुपए, सर्व शिक्षा अभियान स्कूल के लिए 19 लाख 44 हजार 876 रुपए तथा ग्राम पंचायत भवन के लिए 22 लाख 18 हजार 660 रुपए स्वीकृत कराए थे।