scriptआजादी से पूर्व यहां चला था टंट्या मामा पर राजद्रोह का केस | Tantya mama had a sedition case here before independence | Patrika News
राजगढ़

आजादी से पूर्व यहां चला था टंट्या मामा पर राजद्रोह का केस

इतिहास के नाम पर सिर्फ एसडीएम कार्यालय के सामने एक बोर्ड लगा

राजगढ़Dec 05, 2021 / 04:34 pm

Hitendra Sharma

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राजगढ़. महान क्रांतिकारी टंट्या भील की पुण्यतिथि को लेकर जहां पातालपानी में बड़ा आयोजन करते हुए आदिवासियों को विभिन्न तरह की सौगातें दी गई। वहीं, नरसिंहगढ़ से भी टंट्या मामा की कई यादें जुड़ी हुई हैं, लेकिन यहां इस तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता।

इतिहास के नाम पर सिर्फि एसडीएम कार्यालय के सामने एक बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन यहां के लोग क्रांतिकारी टंट्या भील के इतिहास को हमेशा याद रखे ऐसी कोई पहल प्रशासनिक स्तर से नहीं की गई। नरसिंहगढ़ एसडीएम कार्यालय के बाहर लगे इस बोर्ड को यदि देखें तो इसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि आजादी से पूर्व क्रांतिकारी टंट्या भील पर राजद्रोह का मामला चलाया गया था, लेकिन सारी सुनवाई के बाद उन्हें बाइज्जतबरी किया गया था।

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इसके बाद जब देश आजाद हुआ तो इसी जगह को एसडीएम कार्यालय बनाया गया जो आज भी यही पर संचालित हो रहा है, लेकिन यहां के लोग टंट्या मामा के इतिहास जुड़े रहें इसके लिए वहां उनकी प्रतिमा लगाने की मांग की जाती रही है लेकिन ऐसा कुछ किया नहीं गया। एक बार फिर इस मांग को लेकर भीम सेना के प्रदेश महासचिव राजेश गढ़वाल ने प्रशासन को ज्ञापन देने की बात कही है।

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जरूरत है इतिहास सहेजने की
बता दें नरसिंहगढ़ का इतिहास बहुत बड़ा है लेकिन लगातार इसकी अनदेखी के कारण लोग इसे भूलते जा रहे हैं फिर चाहे बात नरसिंहगढ़ के राजा चैन सिंह द्वारा सीहोर में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई या फिर महान हिंदी लेखिका महादेवी वर्मा या फिर यहां के सौंदर्य और शिलालेख सहित अन्य धरोहरों की किसी भी तरफ प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा जबकि पर्यटन को लेकर लगातार मांग उठती रही है हर बार नरसिंहगढ़ को पर्यटन का दर्जा दिया जाए लेकिन पूरा नहीं हो रहा।

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