
भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया 17 करोड़ का बूढ़ासागर-रानीसागर सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट
राजनांदगांव. बूढ़ासागर-रानीसागर सौंदर्यीकरण के नाम पर हुए कार्यों की मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण गुणवत्ताहीन काम कर दिया गया है। सौंदर्यीकरण का काम पूरा होने से पहले ही इसकी भ्रष्टाचार की पोल भी खुल गई है। बुधवार को बूढ़ासागर में बनाई गई दीवार भरभरा कर गिर गई है। इसके बाद निगम प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। ज्ञात हो कि 'पत्रिका' ने ७ मार्च २०२० के अंक में इस पूरे कार्य की पड़ताल करते हुए खबर प्रकाशित कर पहले ही इसकी गुणवत्ता व कार्ययोजना पर सवाल उठाया था।
'पत्रिका' ने पड़ताल करते हुए खुलासा किया था कि बूढ़ासागर-रानीसागर की सफाई और सौंदर्यीकरण के नाम पर सिर्फ खेल चल रहा है। तालाब से सिल्ट निकालने से लेकर पौधरोपण, पाथवे निर्माण से लेकर वाटर फॉल और दीवार निर्माण की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया। ज्ञात हो कि बूढ़ासागर में दिग्विजय कॉलेज से लेकर जीई रोड तक दीवार बनाया गया है, उसमें थ्री-डी पेंटिंग कराने की बात कही गई थी। सामान्य पेंटिंग ही कराई गई। पेंटिंग किसकी है, नाम लिखना उचित नहीं समझा गया।
ज्ञात हो कि एक साल पहले बूढ़ासागर के पानी से भयानक बदबू उठ रही थी। पानी गंदा होने के कारण मछलियां मर रही थीं। इस बदबू से आधा शहर परेशान हो गया था। इसके बाद बूढ़ासागर व रानीसागर सौंदर्यीकरण के लिए योजना बनाई गई। बूढ़ासागर के गंदे पानी की निकासी के लिए दिग्विजय कॉलेज के सामने से नाली बनाई गई।
ज्ञात हो कि यह पूरा प्रोजेक्ट करीब साढ़े १७ करोड़ रुपए का है, जिसके तहत रानीसागर-बूढ़ासागर सहित आसपास के उद्यानों में सौंदर्यीकरण का कार्य करना है। इसके तहत पुष्प वाटिका, ओपन थियेटर, योगा हाल, दिग्विजय कॉलेज में वाटर फाल, रिटेनिंग वाल, वाटर फाउंटेन, एडवेंचर जोन, त्रिवेणी परिसर गार्डन में लैंडस्केपिंग, रानीसागर व बूढ़ासागर में स्टोन पीचिंग, प्रवेश द्वार सहित आसपास के उद्यानों में कार्य किया जाना है।
मामले में नगर-निगम के ईई दीपक जोशी का कहना है कि दीवार को संभवत: किसी गाड़ी वाले ने ठोकर मारा गया है। इसे दिखवाते हैं। जांच कराई जाएगी। एक बार पहले भी गाड़ी की ठोकर से दीवार क्षतिग्रस्त हुई थी।
Published on:
23 Apr 2020 08:29 pm
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