
CG Medical: पेंड्री स्थित मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की वर्तमान दशा किसी से छिपी नहीं है। फैकेल्टी की कमी के बीच अस्पताल बड़ी मुश्किल से संचालित हो रहा है। डॉक्टर नौकरी छोड़ रहे हैं तो वहीं पदस्थ डॉक्टर और अन्य कर्मचारी वर्क लोड सह रहे हैं। एमसीएच की बिल्डिंग के पीछे राज्य सरकार ने लगभग 400 करोड़ रुपए खर्च किए पर इलाज की पर्याप्त सुविधा नहीं मिल रही है।
535 बेड के एमसीएच को प्रबंधन संभाल नहीं पा रहा है। वहीं हैरान करने वाली बात यह है कि इसी परिसर में इमरजेंसी वार्ड के बाजू में लगभग 16 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक तैयार किया जा रहा है। बिल्डिंग चार मंजिल की होगी। इस यूनिट में 50 बेड होंगे। सालभर के भीतर इसका काम पूरा होगा। एमसीएच प्रबंधन को ही इसे हैंडओवर किया जाएगा।
पत्रिका ने पड़ताल की तो पता चला कि एमसीएच में स्थित आईसीयू, एचडीयू और एनआईसीयू में 24 घंटे निगरानी के लिए सीनियर डॉक्टर नहीं है। जूनियरों के भरोसे ये यूनिट चल रहे हैं और जब क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक (सीसीएचबी) तैयार होगा तो इसे कैसे संभालेंगे? यह चिंता का विषय बना हुआ है।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि केन्द्र सरकार के फड़ से बिल्डिंग बन रही है तो संभवता स्टाफ की भर्ती होगी पर इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। 16 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही सीसीएचबी की बिल्डिंग का काम छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोर्रेशन (सीजीएमएससी) के माध्यम से पूरा कराया जा रहा है।
इंजीनियर सीजीएमएससी शैलेश नागेश्वर का कहना है कि 16 करोड़ की लागत से बिल्डिंग बना रहे हैं। 2025 तक बिल्डिंग पूरी हो जाएगी। बिल्डिंग में आईसीयू, आईसीसीयू और एचडीयू सहित क्रिटिकल केस हैंडल करने सुविधा रहेगी।
अधीक्षक डॉ. प्रदीप बेक का कहना है कि मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को दूर करने विस अध्यक्ष ने बैठक रखी है। बन रहे नई यूनिट में आगे क्या होगा? यह स्पष्ट नहीं है। स्टाफ की दिक्कतों से पहल से ही जूझ रहे हैं। बिल्डिंग का निर्माण चल रहा है।
केन्द्र सरकार की ओर सीजीएमएससी को फंड जारी किया गया है। दरअसल गंभीर अवस्था में आने वाले मरीजों के आपातकालीन चिकित्सा के लिए इस यूनिट को तैयार कर रहे हैं। चार मंजिल की इस बिल्डिंग में आईसीयू, आईसीसीयू, एचडीयू, गायनिक संबंधित लेबर आईसीयू की सुविधा रहेगी। एमसीएच के इमरजेंसी वार्ड से सटाकर इसे तैयार किया जा रहा है ताकि क्रिटिकल कंडीशन में आने वाले मरीजों को यहां तत्काल शिफ्ट किया जा सके। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल, आग से झुलसे हुए मरीज, प्रसव के क्रिटिकल केस यहां लाए जाएंगे। चार मंजिल में लिफ्ट की सुविधा होगी।
सरकार की ओर से बेहतर इलाज की मंशा से करोड़ों की लागत से बिल्डिंग तो बनवाई जा रही है पर इसे संचालित करने के लिए मानव संसाधन जुटाने जोर नहीं दिया जा रहा है। केवल बिल्डिंग खड़ी कर रहे हैं। चार मंजिल की इस बिल्डिंग में तमाम यूनिट संचालित होंगे। 50 बेड के पीछे लगभग 50 से 60 स्टाफ की जरूरत पड़ेगी। सरकार की ओर से स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस ब्लॉक में अलग से डॉक्टर, नर्सेस और कर्मचारियों की भर्ती होगी या फिर एमसीएच के डॉक्टरों को ही इसे संभालना होगा।
राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की बदहाली स्थिति, डॉक्टरों के नौकरी छोड़ने से लेकर तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने 11 जून को विधानसभा परिसर में अपने चेंबर में अफसरों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में एमसीएच डीन, अधीक्षक, सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अफसर शामिल होंगे। उम्मीद की जा रही है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा और व्यवस्था में सुधार होगा।
Published on:
11 Jun 2024 05:27 pm
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