
शराब तस्करों को पकड़कर पीठ थपथपा रही पुलिस, माफियाओं तक नहीं पहुंच रहे 'कानून के हाथ'
राजनांदगांव. लॉकडाउन में पुलिस भारी मात्रा में मध्यप्रदेश की शराब की खेप व तस्करों को पकड़कर पीठ थपथपा रही है, लेकिन ये शराब पहुंची कैसे? इसके पीछे किसका संरक्षण है? क्या पुलिस के बिना मदद के दूसरे राज्यों से इतनी भारी मात्रा में शराब पहुंच पाना संभव है। इन सब सवालों का पुलिस के पास जवाब नहीं है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में उन बड़े नामों का खुलासा होगा और कार्रवाई भी। ये देखना दिलचस्प होगा कि जिले में शराब के इस बड़े कारोबारियों तक पुलिस पहुंच पाएगी या राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाएगी।
रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में एसपी ने बताया कि पिछले दिनों पुलिस मुकबीर की सूचना पर खैरागढ़ थाना क्षेत्र में मध्यप्रदेश की शराब की बड़ी खेप पकडऩे में सफलता हासिल की है। साथ ही सात अंतर्राज्यीय शराब तस्करों को भी पकड़ा गया है। वहीं एक आरोपी मनीष राजपूत गातापार कला निवासी अब भी फरार है। उसकी तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपियों पर अलग-अलग थानों में ३४ (२) आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। मनीष राजपूत के पकड़े जाने पर बड़ा खुलासा होने की संभावना है।
पांच दिन पहले पुलिस को मुकबीर से सूचना मिली कि खैरागढ़ क्षेत्र में बड़ी मात्रा में मध्यप्रदेश की शराब डंप कर रखी गई है, जिसे तस्कर गांवों तक कोचियों को पहुंचा रहे हैं। इस पर एसपी के नेतृत्व में प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक मयंक रणसिंह, रूचि वर्मा, थाना प्रभारी डोंगरगढ़ अलेक्जेंडर किरो, घुमका टीआई राजेश साहू, खैरागढ़ प्रभारी लोमेश सोनवानी, चिखली प्रभारी जाहिर अहमद के नेतृत्व में अलग-अलग टीम बनाकर शराब तस्करों के खिलाफ मुहिम छेड़ी गई। जिसमें पुलिस को सफलता मिली और गातापारकला थाना क्षेत्र से ३४० पेटी एमपी की शराब और एक चार पहिया वाहन सहित सात तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
अलग-अलग गांव के हैं तस्कर
पुलिस द्वारा पकड़े गए सातों आरोपी अलग-अलग गांव के हैं। इसमें आरोपी मनीष पिता स्व. परमानंद सोनी (३१) मोहारा निवासी, इश्वा पिता भिखारी साहू (४०) डोंगरगढ़, भीषम पिता विजय वर्मा (२५) कलेवा घुमका, भूपेश पिता टिकम कोसरे (२३) बोरी लालबाग, हरिश पिता तीरथ साहू (४८) रेंगाकठेरा, प्रकाश पिता सुखदेव यादव (२५) कलेवा, पुरन पिता स्व. रामलाल वर्मा (३८) मोहारा शामिल है।
चुनाव में भी पहुंची थी एमपी की शराब
यहां यह भी बताना लाजमी होगा कि निकाय चुनाव के समय भी भारी मात्रा में मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र की शराब जिले में पहुंची थी। चुनाव लडऩे वाले इसका उपयोग कर मतदान को प्रभावित करने का काम किए। उस समय भी छिटपुट पुलिसिया कार्रवाई हुई, जिसमें खुलासा हुआ था कि शराब महाराष्ट्र और एमपी की थी।
सीधी बात... जितेंद्र शुक्ला, एसपी
प्रश्न. दूसरे राज्यों से इतनी भारी मात्रा में शराब पहुंची कैसे?
उत्तर- जंगल के रास्ते इसे लाया गया है।
प्रश्न. इसके पीछे किसका संरक्षण है?
उत्तर- किसी का भी संरक्षण हो कार्रवाई होगी। फरार आरोपी की तलाश जारी है।
प्रश्न. क्या पुलिस के बिना मदद के दूसरे राज्यों से इतनी भारी मात्रा में शराब पहुंच पाना संभव है।
उत्तर- उन्हें भी चार पुलिस अधिकारियों की तरह अटैच कर दिया जाएगा। (माजाकिया लहजे में)
Published on:
19 Apr 2020 08:33 pm
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