22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मनरेगा : जिले के 1 लाख 4 हजार 115 ग्रामीण मजदूरों को मिला रोजगार

812 ग्राम पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू, लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे ग्रामीणों को राहत

2 min read
Google source verification
मनरेगा : जिले के 1 लाख 4 हजार 115 ग्रामीण मजदूरों को मिला रोजगार

मनरेगा : जिले के 1 लाख 4 हजार 115 ग्रामीण मजदूरों को मिला रोजगार

राजनांदगांव. शासन द्वारा छूट मिलने के बाद गांवों में मनरेगा के तहत विकास कार्य शुरू करा दिए गए हैं। इस दौरान मजदूरों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए समय-सयम पर सेनिटाइजर या साबुन से हाथ धुलाया जा रहा है। इसके अलावा मास्क लगाना भी अनिवार्य किया गया है। लाकडाउन में छूट मिलने के बाद ही मनरेगा के श्रमिकों को काम में लगा दिया गया है।


कोरोना माहमारी के कारण देश के सामने आर्थिक संकट बड़ी चुनौती बन गई है। इस समस्या के निपटने के लिए राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की मंशा से महात्मा गांधी नरेगा के तहत विभिन्न कार्यों की मंजूरी दे दी है। इस कड़ी में राजनांदगांव जिले में भी ग्रामीणों को मनरेगा के तहत रोजगार मुहैया कराने का काम शुरु कर दिया गया है। कुल 812 ग्राम पंचायतों में १ लाख ४ हजार ११५ श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। यह निश्चित ही उन श्रमिकों के लिए हर्ष का विषय है, जिनके पास लॉकडाउन के चलते कामकाज नहीं थे।

स्वच्छता का रख रहे ख्याल
मजदूर अपने काम के बीच में सेनिटाईजर का उपयोग करते भी नजर आ रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ तनूजा सलाम ने बताया कि जिले में मनरेगा के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा देने के लिए काम शुरु कर दिया गया है। रोजगार के साथ कोरोना के बचाव संबंधित उपायों का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

मॉनिटरिंग टीम भी बनाई
श्रमिकों को सख्त निर्देश है कि उन्हें कार्यस्थल में मास्क पहनकर ही आना है। इसके लिए मॉनिटरिंग टीम भी बनाई गई है। साथ ही एक कर्मचारी को श्रमिकों को हाथ धुलाने के लिए भी चिन्हांकित किया गया है। सभी श्रमिक मास्क पहनकर काम कर रहे हैं और सेनिटाइजर का भी उपयोग कर रहे हैं। नरेगा के श्रमिकों के इस काम से दूसरे लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है।

ऐसे लोगों को आने की इजाजत नहीं
मनरेगा में दूसरे जिले से पहुंचे मजदूर जिन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है उन्हें कार्यस्थल से दूर रखा गया है। गांव में भी जिन श्रमिकों को सर्दी या अन्य कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें कार्यस्थल में आने की इजाजत नहीं है। कोरोना के कारण एक ओर जहां पलायन करते हुए श्रमिक, आर्थिक समस्या से जूझ रहे परिवार की तस्वीर देखने को मिलती वहीं जिले में काम कर रहे श्रमिक निश्चित ही राहत का संदेश दे रहे हैं।

मामले में जिला पंचायत सीईओ तनूजा सलाम ने बताया कि मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों से पूरी सुरक्षा के साथ काम लिया जा रहा है। शारीरिक दूरी के साथ सेनिटाइजर एवं मास्क का प्रयोग कराया जा रहा है।